दिल्ली गैंगवार: जेल से रची साजिश नाकाम, हथियारों का जखीरा बरामद, बड़ी वारदात टली

दिल्ली का अंडरवर्ल्ड पिछले कई सालों से खून से सराबोर है. यहां दो बड़े गुट राजेश बवानिया गैंग और नवीन बाली गैंग की दुश्मनी लगातार मौत का खेल खेल रही है.

पहले अजय उर्फ बहादुर की हत्या ने राजधानी को दहला दिया, फिर धर्मवीर उर्फ बिल्लू की गोली मारकर हत्या ने इस रंजिश को और गहरा कर दिया. जिसका बदला लेने के लिए जेल में बैठे नवीन बाली ने एक नई साजिश रची थी. लेकिन दिल्ली पुलिस ने समय रहते उस साजिश को नाकाम कर दिया.

आउटर-नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी हरेश्वर वी. स्वामी के मुताबिक, स्वतंत्रता दिवस की सुरक्षा को देखते हुए 15 अगस्त को उत्तरी बाहरी जिले में विशेष चेकिंग चल रही थी. इसी दौरान बवाना पुलिस की नजर एक संदिग्ध बाइक पर पड़ी. जो एक ओयो होटल के बाहर लंबे समय से खड़ी थी. शक के बिना पर हेड कांस्टेबल हरीश ने जब गहराई से जांच की, तो ओयो होटल के एक कमरे से तीन युवक पकड़े गए. उनके पास से पिस्तौल, कट्टा और कारतूसों का जखीरा मिला. जिसे गैंगवार में एक हत्या में इस्तेमाल किया जाना था.

विदेश से हुई थी साजिश की फंडिंग

डीसीपी ने बताया कि, पुलिस जांच में सामने आया कि, तीनों युवकों, जिनकी पहचान, दिल्ली के अंजार आलम (20), रितिक (20) और पंजाब के राजेश उर्फ सरदार (28) के रूप में हुई, ने 11 अगस्त से होटल में डेरा डाल रखा था. रितिक को रेकी का जिम्मा दिया गया था, जबकि अंजार और राजेश हत्या को अंजाम देने वाले थे. वहीं, विदेश में छिपे गैंग लीडर हिमांशु भाऊ ने अंजार को 70,000 रुपये की रकम भेजकर हथियार और तैयारी करवाई थी. मोबाइल चैट्स से साफ हुआ कि तीनों लगातार व्हाट्सएप पर अपने “बॉस” से निर्देश ले रहे थे.

दिल्ली में गैंगवार में हत्याओं का इतिहास

अजय उर्फ बहादुर की हत्या में में राजेश बवानिया गैंग का नाम सामने आया था. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अंकित था, जो राजेश बवानिया का दामाद है. इसके बाद नवीन बाली गैंग के धर्मवीर उर्फ बिल्लू की हत्या हुई. इन वारदातों के बाद खून का बदला खून से लेने का सिलसिला जारी रहा.

जेल की दीवारों के पीछे बैठा नवीन बाली भी चुप नहीं रहा, और उसने अपने गुर्गों के जरिए यह हमला करवाने की योजना बनाई, लेकिन पुलिस की समय रहते की गई कार्रवाई ने न सिर्फ एक जान बचाई बल्कि दो बड़े गिरोहों की लड़ाई को भी फिलहाल थाम दिया.

तीनों आरोपियों के खिलाफ पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला, लेकिन उनके पास से बरामद हथियार और चैट्स ने साफ कर दिया कि यह पेशेवर गैंगवार का हिस्सा थे.

उनके पास से दो पिस्टल, कट्टा और 27 से ज्यादा जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन जिनमें साजिश से जुड़ी बातचीत है, और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सम्बंधित धाराओं में बवाना थाना में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच में जुट गई है.

Read More at www.abplive.com