चंडीगढ़। टी.एस. सेंट्रल स्टेट लाइब्रेरी, राब्ता के सहयोग से और जुनिपर कलेक्टिव के समर्थन में एक विशेष साहित्यिक एवं सूफ़ी कार्यक्रम “हम कलाम–सूफ़ी सफ़र: अ जर्नी टुवर्ड्स रूमी” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सूफ़ी विचारधारा, अदब और रूमी की शिक्षाओं पर केंद्रित रहा, जिसमें साहित्य और बातचीत के माध्यम से श्रोताओं ने सूफ़ी दर्शन का अनुभव किया।
पढ़ें :- NTPC की एक के बाद एक तीन यूनिटें ठप, यूपी समेत नौ राज्यों में गहराया बिजली संकट
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वक्ता सुप्रसिद्ध सूफ़ी विद्वान, शायर एवं लेखक सैयद ज़िया अल्वी, जो खैराबाद से तालुक रखते हैं उन्होंने सूफ़ी दर्शन की गहराइयों और रूमी की शायरी पर अपने विचार साझा किए। आज का मंच संचालन राब्ता से सोनिया राय ने किया। सैयद ज़िया अलवी साहब ने नये लिखने वालों को सलाह दी कि वो किताबों मे अपना रूझान बढायें। बड़े शायरों को पढ़ना शुरू करें।
एक जुमला सुनाते हुये उन्होंने कहा कि आपको अच्छा शायर बनने के लिए पहले दस हजार शेर याद होने चाहिए। उन्होंने कहा कि, एक शेर के एक टुकडे पर किताब लिखी जा सकती हैं इसपर उन्होंने आलमा इकबाल के शेर का उदाहरण भी दिया। कार्यक्रम की मेज़बानी जाने-माने शायर शमशेर साहिल ने की। मुख्य अतिथि के तौर पे जाने माने शायर शमस तबरेज़ी ने शिरकत की। सभी सुनकर बेहद खुश थे और सभी का मशवरा रहा कि ऐसे कार्यक्रम शहर में होते रहने चाहिए।
पढ़ें :- Gogamedi Murder Case: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, दोनों शूटर समेत तीन आरोपी गिरफ्तार
राब्ता से सोनिया राय ने कार्यक्रम के आखिर मे आडियंस से लाइव फीडबैक भी लिया। साथ ही कहा, राब्ता की टीम नीरज पांडे जी की आभारी है कि वो वक्त निकाल कर आए और महफिल कख हिस्सा बने। कार्यक्रम के आयोजन में हमारी टीम के सदस्य सोनिया राय और अज़रुल हक़ साहिल का विशेष योगदान रहा। लाइब्रेरी की ओर से नीलम बंसल (लाइब्रेरी इंचार्ज) और डॉ. नीज़ा सिंह (लाइब्रेरियन) इस आयोजन में मार्गदर्शन किया। साथ उन्होंने साहित्य प्रेमियों से अनुरोध करते है कि आगे भी ऐसे अद्वितीय कार्यक्रम हम करते रहेंगे।
Read More at hindi.pardaphash.com