Block Deals: मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने ब्लॉक डील से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है. प्रस्ताव के अनुसार, अब ब्लॉक डील की न्यूनतम राशि ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹25 करोड़ करने की तैयारी है. यह बदलाव 2017 के बाद पहली बार किया जा रहा है.
क्या होती है ब्लॉक डील?
ब्लॉक डील एक बड़ी मात्रा में शेयरों की खरीद-बिक्री का सौदा होता है, जिसे एक ही बार में खरीदार और विक्रेता के बीच किया जाता है. इसे शेयर बाजार द्वारा दिन में सिर्फ 2 बार खोली जाने वाली 15-मिनट की स्पेशल विंडो के दौरान ही किया जा सकता है.
सेबी ने अपने कंसल्टेशन पेपर में कहा कि ब्लॉक डील्स के लिए न्यूनतम ऑर्डर आकार 25 करोड़ रुपये होगा. ब्लॉक डील्स विंडो में निष्पादित प्रत्येक कारोबार डिलीवरी के लिए होना चाहिए.
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बाजार में हेरफेर का जोखिम कम होने की उम्मीद
सेबी नॉन-डेरिवेटिव शेयरों के लिए प्राइस रेंज को 3% तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जबकि फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) शेयरों के लिए मौजूदा 1% के दायरे को बरकरार रखा जाएगा. इस कदम से बाजार में हेरफेर का जोखिम कम होने की उम्मीद है. इस समय थोक सौदे केवल पिछले दिन के समापन मूल्य के ऊपर-नीचे 1% के दायरे में भी किए जा सकते हैं
SEBI का उद्देश्य
SEBI का मानना है कि इस बदलाव से-
- बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी
- बड़ी डील्स के जरिए कीमतों में हेरफेर की संभावना कम होगी
- प्राइस डिस्कवरी प्रक्रिया बेहतर होगी
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प्रमुख बदलाव (प्रस्तावित)-
प्वाइंट्स | बदलाव |
---|---|
न्यूनतम ब्लॉक डील राशि | ₹25 करोड़ (अब तक ₹10 करोड़) |
प्राइस बैंड (नॉन-F&O शेयर) | ±3% (अब तक ±1%) |
प्राइस बैंड (F&O शेयर) | ±1% (कोई बदलाव नहीं) |
सौदे का प्रकार | केवल डिलीवरी आधारित, स्क्वायर ऑफ/रिवर्स नहीं |
डील जानकारी | मार्केट बंद होने के बाद क्लाइंट नाम, शेयर, मात्रा, मूल्य सार्वजनिक |
डील विंडो समय | सुबह: 8:45–9:00 AM दोपहर: 2:05–2:20 PM (VWAP आधारित) |
क्या बदलेगा निवेशकों के लिए?
बड़े निवेशकों और संस्थागत खरीदारों को अपने सौदों की योजना अधिक सावधानी से बनानी होगी.
सामान्य निवेशकों पर इसका प्रत्यक्ष असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बाजार की पारदर्शिता और स्थिरता में वृद्धि निश्चित रूप से लाभकारी होगी.
जनता से मांगा गया सुझाव
SEBI ने सभी हितधारकों- निवेशक, ब्रोकर्स, म्युचुअल फंड्स, एनालिस्ट्स आदि से इन प्रस्तावों पर 15 सितंबर 2025 तक सुझाव मांगे हैं. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि सभी पक्षों की राय के आधार पर अंतिम नियम बनाए जाएं.
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
Q1. ब्लॉक डील क्या होती है?
Ans: ब्लॉक डील एक ऐसा सौदा होता है जिसमें बड़ी मात्रा में शेयरों की एकमुश्त खरीद-बिक्री होती है. शेयर बाजार द्वारा तय की गई दो विशेष 15-मिनट की विंडो में पूरा किया जाता है.
Q2. ब्लॉक डील की विंडो कब खुलती है?
Ans: ब्लॉक डील्स के लिए दो सत्र होते हैं-
सुबह का सत्र: 8:45 AM से 9:00 AM (पिछले दिन के बंद भाव पर)
दोपहर का सत्र: 2:05 PM से 2:20 PM (1:30 से 2:00 PM के VWAP के आधार पर)
Q3. SEBI ने क्या नया प्रस्ताव दिया है?
Ans: SEBI ने प्रस्ताव दिया है कि ब्लॉक डील की न्यूनतम राशि ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹25 करोड़ की जाए. हर सौदा डिलीवरी आधारित होना चाहिए- उसे स्क्वायर ऑफ या रिवर्स नहीं किया जा सकता.
Q4. यह बदलाव क्यों जरूरी है?
Ans: SEBI का उद्देश्य है कि बाजार में पारदर्शिता बढ़ाई जाए, बड़ी डील्स के जरिए कीमतों में हेरफेर रोकी जाए और प्राइस डिस्कवरी प्रक्रिया को ज्यादा प्रभावी बनाया जाए.
Q5. इन प्रस्तावों का प्रभाव आम निवेशकों पर क्या पड़ेगा?
Ans: आम निवेशकों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा.
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