मार्केट रेगुलेटर SEBI, म्यूचुअल फंड्स स्कीम्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश में है। सेबी पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों को एडिशनल इंसेंटिव देने की योजना पर विचार कर रहा है। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के एक प्रोग्राम में यह जानकारी दी। पांडेय ने कहा, ‘‘फाइनेंशियल इनक्लूजन तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक इसमें महिलाओं की समान भागीदारी नहीं होगी। इसलिए हम पहली बार निवेश करने वाली महिला निवेशकों के लिए एडिशनल डिस्ट्रीब्यूशन इंसेंटिव लाने पर विचार कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सेबी, म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री को बढ़ावा देने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठा रहा है। हाल ही में दूसरी एवं तीसरी श्रेणी (tier 2 and tier 3) के शहरों में नए इंडीविजुअल इनवेस्टर्स की ओर से निवेश पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव रखा गया है। इससे नए पार्टिसिपेंट जुड़ेंगे और म्यूचुअल फंड का दायरा कम भागीदारी वाले क्षेत्रों तक बढ़ेगा।
म्यूचुअल फंड स्कीम्स के क्लासिफिकेशन का रिव्यू
सेबी प्रमुख ने कहा कि प्रोडक्ट इनोवेशन में फ्लेक्सिबिलिटी और स्पष्टता लाने के साथ एक ही तरह की फंड स्कीम्स में निवेश की समस्या को दूर करने के लिए म्यूचुअल फंड स्कीम्स के क्लासिफिकेशन का रिव्यू किया जा रहा है। इस संबंध में चलाई जा रही परामर्श प्रक्रिया से मिलने वाले सुझावों के आधार पर अगले कदम तय होंगे। पांडेय ने कहा, ‘‘ये उपाय उद्योग को अधिक पारदर्शी और इनवेस्टर फ्रेंडली बनाने में मददगार होंगे।’’
पांडेय ने बताया कि कारोबारी सुगमता और अनुपालन को सरल बनाने की दिशा में सेबी ने हाल ही में म्यूचुअल फंड्स से मांगी जाने वाली रिपोर्ट्स का रिव्यू किया है। इसके बाद 52 से अधिक रिपोर्ट, नोटिस और एडेंडम्स जमा करने की जरूरत खत्म कर दी गई है। आने वाले महीनों में सेबी, म्यूचुअल फंड्स से जुड़े नियमों को सरल बनाने पर भी काम करेगा, ताकि इंडस्ट्री के लिए कंप्लायंस आसान बने और निवेशकों के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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