Kash ka Phool: हिंदू धर्म में पूर्वजों के श्राद्ध को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. शास्त्रों के मुताबिक पितरों का श्रद्धापूर्वक तर्पण करने से व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर हो जाती है. श्राद्ध न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह हमारे शास्त्रों और संस्कारों की अभिव्यक्ति भी है.
इस पूजा में कई जरूरी सामग्री का भी इस्तेमाल होता है, जिसमें से एक काश का फूल है. माना जाता है कि श्राद्ध कर्म में काश का फूल इस्तेमाल न हो तो पितरों की तृप्ति अधूरी रहती है, इसलिए इसे श्राद्ध कर्म का बेहद जरूरी हिस्सा माना जाता है.
श्राद्ध में पितरों की कृपा
भारतीय संस्कृति में श्राद्ध केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता दिखाने का सबसे बड़ा माध्यम है. यह माना जाता है कि पितरों के आशीर्वाद से ही परिवार में शांति, समृद्धि और संतानों की उन्नति संभव होती है.
वहीं यदि पितरों का आभार ना जताया जाए, तो परिवार पितृ दोष से ग्रस्त हो सकता है, जिसके परिणाम में घर-परिवार में तनाव, आर्थिक कठिनाइयां और मानसिक अशांति बढ़ सकती है.
काश का फूल पवित्रता का प्रतीक
श्राद्ध में काश के फूल का विशेष महत्व है. यह फूल सफेद और कोमल होता है. शास्त्रों में इसे सात्विकता का प्रतीक माना जाता है. खेतों, नदियों और तालाबों के किनारे यह स्वाभाविक रूप से उगता है.
इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे किसी खेती या विशेष प्रयास की आवश्यकता नहीं होती. यह प्राकृतिक वातावरण में पनपता है. यही कारण है कि इसे अर्पित करने से पूजा का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है.
धर्मग्रंथों में काश के फूल का उल्लेख
शास्त्रों और पुराणों में यह वर्णन मिलता है कि श्राद्ध की विधि काश के फूल के बिना अधूरी मानी जाती है. पवित्र वस्तुएं देवताओं और पितरों को प्रिय होती हैं और काश का फूल इसी पवित्रता का द्योतक है.
जब ब्राह्मण श्राद्ध कर्म करते समय तर्पण के साथ इस फूल को अर्पित करते हैं, तो पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.
पितृ दोष की शांति का उपाय
पितृ दोष के कारण परिवार पर कई प्रकार की बाधाएं आ सकती हैं. शास्त्रों में इसे दूर करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, लेकिन उनमें से सबसे प्रभावी उपाय श्राद्ध के समय काश के फूल का प्रयोग करना माना गया है.
तर्पण और हवन में जब यह फूल अर्पित किया जाता है, तो पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को आशीर्वाद देतें हैं. इसी वजह से पितृ पक्ष के दिनों में काश के फूल की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है.
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