निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने गुरुवार को कहा कि भारत के पूंजी बाजार पिछले महीने 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गए हैं और जुलाई में देश में डीमैट खातों की संख्या 20 करोड़ को पार कर गई है. उन्होंने आगे कहा कि यह भारत की ग्रोथ स्टोरी की मजबूत तस्वीर को दिखाता है और सरकार एवं निजी क्षेत्र के बीच एक ताकतवर साझेदारी को दर्शाता है. देश की आर्थिक राजधानी में फिक्की के वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन (सीएपीएएम 2025) के 22वें संस्करण में बोलते हुए चावला ने ये बातें कहा है.
एसेट मैनेजमेंट रणनीति की है विकसित
अरुणीश चावला ने कहा कि सरकार ने पूंजी बाजारों को एकीकृत तरीके से मजबूत करने के लिए एक समग्र विकास और परिसंपत्ति प्रबंधन रणनीति विकसित की है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक उद्यमों द्वारा सृजित मूल्य को परिवारों और अल्पसंख्यक शेयरधारकों सहित सभी नागरिकों के साथ समान रूप से साझा किया जाए. चावला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और इसे प्राप्त करने में पूंजी बाजार की भूमिका के बारे में जानकारी दी.
चालू वित्त वर्ष के लिए 47 हजार करोड़ रुपए निर्धारित
उन्होंने कहा, “हमारी अर्थव्यवस्था सार्वजनिक और निजी दोनों उद्यमों के साथ मिलकर काम करते हुए आगे बढ़ रही है. निवेशकों की मजबूत भागीदारी गति बढ़ाने में मदद कर रही है.” एसेट मॉनिटाइजेशन कार्यक्रम के बारे में, चावला ने कहा कि इसे साल-दर-साल के बजाय पांच साल की रणनीति के रूप में योजनाबद्ध किया गया है. चालू वित्त वर्ष के लिए, लक्ष्य 47,000 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने पहली तिमाही में लगभग 22,000 करोड़ रुपए हासिल कर लिए हैं। हम शेष वर्ष के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे और समग्र रणनीति को आगे बढ़ाएंगे.”
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फिक्की की पूंजी बाजार समिति द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में संस्थागत निवेशकों, मर्चेंट बैंकरों और अनुसंधान संस्थानों सहित 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया है. सुनील संघाई, समिति के अध्यक्ष और संस्थापक नोवावन कैपिटल के सीईओ ने कहा कि सीएपीएएम अब देश का सबसे बड़ा पूंजी बाजार सम्मेलन बन गया है.
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