असम सरकार ने 21 अगस्त को बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कहा कि अब सरकार राज्य में वयस्कों को नए आधार कार्ड जारी करना बंद कर देगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दोपहर में कैबिनेट बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की। सीएम हेमंत बिस्वा ने इसके पीछे सुरक्षा कारण बताए हैं। कहा कि यह अवैध प्रवासियों द्वारा इस दस्तावेज तक पहुंच को रोकने के लिए यह सुरक्षा उपाय किया गया है।
18 साल से ऊपर मिलेगा आधार?
सीएम ने साफ किया है कि अब वयस्कों को नए आधार जारी नहीं किए जाएंगें। हालांकि दुर्लभतम मामलों में ही 18 साल से अधिक आयु के लोगों को जारी किए जाएंगे। ये केवल जिला पुलिस और विदेशी न्यायाधिकरणों से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद उपायुक्तों द्वारा जारी किए जाएंगे।
1 अक्टूबर से लागू होगा नियम
सीएम ने कहा कि यह 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान समुदायों के सदस्यों को आधार कार्ड के लिए आवेदन करने और प्राप्त करने के लिए 1 साल का अतिरिक्त समय मिलेगा।
सीएम बिस्वा ने बताई वजह
सीएम हेमंत बिस्वा ने कहा कि ऐसा निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि सीमा पर देश में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशियों को लगातार पकड़ रहे हैं। कल भी हमने 7 को वापस खदेड़ा। लेकिन हमें यकीन नहीं है कि हम उन सभी को पकड़ पाए हैं या नहीं। इसलिए हम एक सुरक्षा व्यवस्था बनाना चाहते हैं ताकि कोई भी अवैध रूप से असम में प्रवेश न कर सके। आधार लेकर भारतीय नागरिक के रूप में न रह सके। हम उस दरवाजे को पूरी तरह से बंद करना चाहते हैं।
इन्हें मिलेगा 1 साल का समय
सरकार ने कुछ जातियों को आधार कार्ड में 1 साल के छूट का समय दिया है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागान समुदायों के सदस्य के लोग शामिल हैं। सीएम ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति 1 वर्ष के बाद भी किसी कारणवश पीछे रह जाता है, तो उसे संबंधित डीसी के पास आवेदन करना होगा। डीसी सभी हितधारकों, जैसे पुलिस अधीक्षक, विदेशी न्यायाधिकरण से परामर्श करेगा तथा अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही यह निर्णय दे सकेगा।
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