Vedanta के डिमर्जर प्लान पर सरकार ने उठाए गंभीर सवाल, NCLT ने सुनवाई 17 सितंबर तक टाली Anil Agarwal की कंपनी Vedanta के डिमर्जर प्लान पर सरकार ने गंभीर आपत्ति जताई है. सरकार ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने योजना में बदलाव छिपाए और अहम जानकारियां उजागर नहीं कीं. मामला NCLT में पहुंचा है, जिसकी अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी. Vedanta के डिमर्जर प्लान पर सरकार ने उठाए गंभीर सवाल

सरकार ने Vedanta Ltd के डिमर्जर प्लान पर आपत्ति जताई है. अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने योजना में अहम बदलाव किए और कुछ देनदारियों को छिपाने के साथ-साथ राजस्व को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया. खासतौर पर SEBI ने इस कदम को गंभीर उल्लंघन बताया. SEBI का कहना है कि कंपनी ने NOC मिलने के बाद डिमर्जर योजना में बदलाव किए, जो नियमों के हिसाब से बोर्ड की औपचारिक मंजूरी के बिना संभव नहीं था.

NCLT में सुनवाई टली

NCLT ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार और SEBI की दलीलों को नोट किया और अब अगली सुनवाई की तारीख 17 सितंबर तय की है. इसका मतलब है कि डिमर्जर को लेकर कंपनी को फिलहाल और इंतजार करना होगा.

डिमर्जर प्लान का बैकग्राउंड

अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली Vedanta ने सितंबर 2023 में डिमर्जर का ऐलान किया था. इस योजना के तहत कंपनी को चार अलग-अलग लिस्टेड एंटिटी में बांटने की बात है- Aluminium, Oil & Gas, Power और Base Metals. कंपनी का कहना था कि इससे ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ेगी और शेयरहोल्डर वैल्यू को अनलॉक करने का मौका मिलेगा.

शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी

इस योजना को फरवरी 2024 में शेयरधारकों और लेनदारों से जबरदस्त समर्थन मिला था. करीब 99.99% शेयरधारकों, 99.59% सुरक्षित लेनदारों और 99.95% असुरक्षित लेनदारों ने डिमर्जर के पक्ष में वोट दिया था. योजना के तहत निवेशकों को बनने वाली नई कंपनियों में एक-एक शेयर दिए जाएंगे.

डेडलाइन बढ़ाई गई

पहले यह डिमर्जर मार्च 2025 तक पूरा होना था, लेकिन नियामकीय अड़चनों के कारण इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2025 कर दिया गया. अब जबकि सरकार और SEBI दोनों ने आपत्ति दर्ज कर दी है, कंपनी के लिए समय पर यह प्रक्रिया पूरी करना और चुनौतीपूर्ण हो गया है.

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