नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए, जिसको लेकर जमकर हंगामा हुआ। पेश किए गए विधेयकों का उद्देश्य यह है कि अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य के मुख्यमंत्री या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटना होगा। वहीं, विपक्षी दल के नेता इस विधेयक को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा कर रहे हैं। उनका कहना है कि, ये लोकतंत्र के खिलाफ है। इन सबके बीअमित शाह ने खुद अपना ही उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति में शुचिता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है और हम अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते।
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दरअसल, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जब अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था तो क्या उन्होंने अपनी नैतिकता दिखाई थी? इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मुझ पर जब आरोप लगे थे तो मैंने गिरफ्तारी से पहले नैतिक रूप से इस्तीफा दिया था। कोर्ट से निर्दोष साबित न होने तक मैंने कोई सांविधानिक पद नहीं लिया था।
विपक्ष के हंगामे के बीच अमित शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की है। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष की ओर से बिल की कॉपी फाड़कर केंद्रीय गृह मंत्री की ओर फेंकी गई।
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