JSW Cement Shares: घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने जेएसडब्ल्यू ग्रुप की सीमेंट कंपनी जेएसडब्ल्यू सीमेंट की कवरेज शुरू की है। इसके शेयर अभी कुछ ही दिन पहले शुक्रवार 14 अगस्त को लिस्ट हुए थे। आज की बात करें तो इसके शेयर इंट्रा-डे में 5% से अधिक उछल गए। इस तेजी का कुछ निवेशकों ने फायदा उठाया लेकिन निचले स्तर पर खरीदारी के चलते अब भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। आज बीएसई पर यह 4.37% की बढ़त के साथ ₹156.55 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 5.57% उछलकर ₹158.35 के भाव तक पहुंच गया था जोकि मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की तरफ से दिए टारगेट प्राइस से महज 3% के ही करीब दूर रहा।
कितना है JSW Cement के शेयरों के लिए टारगेट प्राइस?
मोतीलाल ओसवाल ने जेएसडब्ल्यू सीमेंट की कवरेज न्यूट्रल रेटिंग के साथ की है। वहीं इसके शेयरों का टारगेट प्राइस ₹163 फिक्स किया है जो इसके इश्यू प्राइस से 10.88% अपसाइड है। आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर ₹147 के भाव पर जारी हुए थे। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कंपनी का वैल्यूएशन बेहतर है। बुल केस में इसके शेयर ₹200 तक जा सकते हैं लेकिन बेयर केस में ₹120 तक गिर सकता है।
क्या कहना है ब्रोकरेज फर्म का?
मोतीलाल ओसवाल की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक ग्राउंड ग्रेन्यूलेटेड ब्लास्ट फर्नेस स्लैग (GGBS) बनाने वाली जेएसडब्ल्यू सीमेंट देश की सबसे बड़ी कंपनी है जिसका 84% मार्केट पर कर्जा है। जीजीबीएस स्टील और लोहे की इंडस्ट्री का बाईप्रोडक्ट है जिसका इस्तेमाल सीमेंट की जगह इस्तेमाल में होता है। जीबीबीएस की कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में बड़ी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी के रेवेन्यू में इसकी हिस्सेदारी 34% और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 76% थी। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में इसकी हिस्सेदारी ऑपरेटिंग प्रॉफिट में घटकर 63%, फिर वित्त वर्ष 2027 में 57% और वित्त वर्ष 2028 में 52% पर आ सकती है।
कंपनी अब विस्तार कर रही है और ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक यह उत्तर भारत में प्रवेश कर रही है, जहां दक्षिण भारत की तुलना में अच्छा मुनाफा मिल सकता है। इससे कंपनी को दक्षिण भारत में अपने कैपेसिटी कंसेंट्रेशन को वित्त वर्ष 2025 में 53% से कम कर वित्त वर्ष 2028 में 41% पर लाने में मदद मिलेगी। हालांकि ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के चलते इसका कर्ज बढ़ा रहेगा। वित्त वर्ष 2026-28 के बीच ₹5,600 करोड़ के कैपेक्स का अनुमान है जिसमें से अधिकतर राजस्थान में इंटीग्रेटेड यूनिट पर खर्च होगा। बाकी पैसों में से कुछ पंजाब में ग्रीनफील्ड ग्राइंडिंग यूनिट शिव सीमेंट के ग्राइंडिंग यूनिट और कुछ दक्षिण भारत में ब्राउनफील्ड कैपेसिटी विस्तार पर खर्च होंगे। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि कंपनी का नेट कर्ज वित्त वर्ष 2025 में ₹4000 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2028 में ₹5,700 करोड़ पर पहुंच सकता है।
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