टैरिफ हो या प्रतिबंध भारत और रूस की दोस्ती कोई नहीं तोड़ सकता

नई दिल्ली। अमेरिका की लाख कोशिशों के बाद भी भारत और रूस की दोस्ती में कभी दरार नहीं आई। इस बार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया और कहा भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा तो जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके बाद भी भारत ने रूसे दोस्ती नहीं तोड़ी। रूस में मौजूद भारत के राजदूत व‍िनय कुमार ने कहा है कि टैरिफ हो या प्रतिबंध भारत और रूस की बढ़ती दोस्‍ती को कोई नही सकता है।

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रूसी मीडिया को बयान देते हुए उन्होने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्‍ती बहुत ही पुरानी है। ये संबंध दशकों पहले बने थे। भारत और रूस के बीच संबंध अब परमाणु ऊर्जा, स्‍पेस, दवाएं और ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी बढ़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि भारत के कुडनकुलम में रूस की सरकारी कंपनी रोस्‍टम छह परमाणु रिएक्‍टर लगा रही है। इनमें दो प्‍लांट से बिजली पैदा होना भी शुरू हो गई है। उन्‍होंने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल द्विपक्षीय सहयोग का शानदार उदाहरण है।

युद्ध में सफल रही ब्रह्मोस मिसाइल

राजदूत विनय कुमार ने रूस की सरकारी मीडिया स्‍पुतनिक को बयान देते हुए कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल युद्ध में सफल रही है और दुनियाभर की इसमें रुचि बढ़ गई है। भारतीय राजदूत ने कहा कि हम रूस के साथ कई अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं ताकि उनका भारत में निर्माण करके किसी तीसरे देश में निर्यात किया जा सके। भारतीय कंपनियां आज रूस की जमीन पर उत्‍पादों का निर्माण कर रही हैं। उन्‍होंने पीएम मोदी और रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के बीच दोस्‍ती की भी जमकर तारीफ की। विनय कुमार ने कहा, दोनों नेताओं के बीच पर्सनल केमेस्‍ट्री न केवल कैमरे के सामने अच्‍छी है, बल्कि निजी बातचीत में भी बहुत अच्‍छी है।’

रूस से हमेशा ऊर्जा आयात करता रहेगा भारत

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अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाने के लिए भारी भरकम टैरिफ भी लगा दिया और बार बार प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दे रहा है। इसके बाद भी भारत ने रूसी से तेल आयात कर रहा है। उन्होने कहा कि बाहरी प्रतिबंधों और धमकियों के बाद भी भारत रूस के साथ ऊर्जा का आयात करना जारी रखेगा। रूस में 50 से 60 हजार भारतीय रहते हैं और दोनों देशों के बीच बहुत गहरे सांस्‍कृतिक संबंध हैं। बड़ी संख्‍या में रूसी लोग भी भारतीय संस्‍कृति को सीखना चाहते हैं। इस साल पुतिन भारत की यात्रा पर जाने वाले हैं। वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अब मास्‍को की यात्रा पर जा रहे हैं। पुतिन की इस यात्रा के दौरान अरबों डॉलर के समझौते हो सकते हैं।

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