मार्केट रेगुलेटर SEBI ने 18 अगस्त 2025 को एक नया सर्कुलर जारी किया. इसमें कहा गया कि “Margin obligations to be given by way of pledge/re-pledge in the Depository System” वाला नियम अब 1 सितंबर 2025 से लागू नहीं होगा. इसे बढ़ाकर 10 अक्टूबर 2025 कर दिया गया है.
क्यों मिली मोहलत?
CDSL और NSDL ने SEBI से अनुरोध किया था कि उन्हें सिस्टम अपग्रेड और एंड-टू-एंड टेस्टिंग के लिए समय चाहिए, ताकि नया मैकेनिज्म सुचारू तरीके से लागू हो सके. SEBI ने इन मांगों को मानते हुए टाइमलाइन बढ़ा दी.
SEBI का निर्देश
SEBI ने स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी और क्लियरिंग कॉरपोरेशंस को निर्देश दिया है कि वे इस सर्कुलर को अपने सदस्यों और प्रतिभागियों तक पहुंचाएं, इसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करें और संबंधित नियमों में जरूरी बदलाव करें ताकि निवेशकों को कोई परेशानी न हो.
निवेशकों पर असर
इस फैसले से ब्रोकर्स और निवेशकों को अतिरिक्त समय मिल जाएगा, जिससे बाजार में किसी भी तरह की बाधा या तकनीकी समस्या से बचा जा सकेगा. SEBI का यह कदम बाजार की स्थिरता और निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है.
खबर से जुड़े 5 FAQs
Q1. SEBI का नया मार्जिन ऑब्लिगेशन सर्कुलर कब से लागू होगा?
अब यह नियम 10 अक्टूबर 2025 से लागू होगा.
Q2. पहले इसकी डेडलाइन क्या थी?
पहले यह नियम 1 सितंबर 2025 से लागू होना था.
Q3. डेडलाइन क्यों बढ़ाई गई?
CDSL और NSDL ने सिस्टम अपग्रेड और टेस्टिंग के लिए एक्सटेंशन मांगा था.
Q4. नया नियम क्या कहता है?
मार्जिन ऑब्लिगेशन अब डिपॉजिटरी सिस्टम के जरिए pledge/re-pledge करना होगा.
Q5. निवेशकों पर इसका क्या असर होगा?
निवेशकों को ज्यादा पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी, साथ ही उन्हें नियम लागू होने से पहले तैयारियां करने का समय भी मिलेगा.
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