देश की राजधानी नई दिल्ली में विपक्षी दलों ने सोमवार (18 अगस्त,2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. कांग्रेस, सपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, शिवसेना (उद्धव गुट) और डीएमके के सांसदों ने एक स्वर में आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पक्षपाती तरीके से काम कर रहा है और विपक्ष के वैध सवालों का जवाब देने से बच रहा है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का आरोप
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग पर सहमति बनी है और उचित समय पर कदम उठाया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय उन्हीं पर आरोप लगाने लगा. उन्होंने मतदाता सूची में गड़बड़ियों, सीसीटीवी फुटेज डिलीट होने और महाराष्ट्र में 70 लाख नए वोटरों के जुड़ने पर सवाल उठाए.
चुनाव आयोग पर जमकर बरसे सपा सांसद रामगोपाल यादव
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने हमारे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया. अखिलेश यादव ,राहुल गांधी जो सवाल उठा रहे हैं उसका इनके पास कोई जवाब नहीं है. उत्तर प्रदेश में भी कुंदरकी में चुनाव के समय सारे मुस्लिम और यादव समाज के वोट हटाकर दूसरे वोट पड़वा दिए. मैनपुरी में भी केवल एक ही बिरादरी के अफसर को तैनात कर दिया गया वह कोण अफसर थे वह मुख्यमंत्री के जात के थे. इसके खिलाफ हमने लिखित शिकायत भी दी थी लेकिन उसपर कोई कार्यवाई नहीं हुई. चुनाव आयोग जो यह कह रहा है की कोई एफिडेविड नहीं दिया गया यह गलत है. चुनाव आयोग हमारी शिकायतों को नजरअंदाज करता है.’
2022 के चुनाव का किया जिक्र, लगाए गंभीर आरोप
रामगोपाल यादव ने आगे कहा, ‘चुनाव आयोग और सरकार की मंशा देश के लिए हानिकारक है इससे देश का नुकसान होगा. 2022 के यूपी चुनाव के वक्त अखिलेश यादव ने जब ये कहा कि सपा समर्थकों के बड़े पैमाने पर वोट काटे गए हैं तो चुनाव आयोग ने नोटिस दिया.18000 वोटों की जानकारी दी गई, हम 18000 वोटों का एफिडेविट दे चुके हैं. इसकी 18000 रसीदें हैं. इन्होंने उपचुनाव में यादव और मुसलमान को बूथ लेवल ऑफिसर को 100 फीसदी हटा दिया गया. जिस पर कोई जांच करवाई नहीं हुई. इसी तरह जब से मैनपुरी चुनाव मानक ही बिरादरी, मुख्यमंत्री की बिरादरी के अधिकारी नियुक्त किए गए. चुनाव आयोग यह कहे कि बिना तथ्यों के आरोप लगते हैं,एफिडेविट नहीं देते हैं तो ऐसा नहीं है.चुनाव आयोग हमारी शिकायतों को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हैं. सरकार और चुनाव आयोग की मंशा ठीक नहीं है, जिसके पास वोट नहीं उसे आप कह देंगे कि वो देश का नागरिक नहीं है.’
तृणमूल कांग्रेस का हमला
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी की कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने मतदाता सूची में मृतकों के नाम और जीवित लोगों के हटाए जाने का मुद्दा उठाया और 2024 लोकसभा चुनाव को फर्जी वोटर लिस्ट के आधार पर रद्द करने की मांग की.
राजद का तीखा बयान
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि चुनाव आयुक्त बीजेपी के नए प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय केवल राजनीतिक मकसद से प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
शिवसेना उद्धव गुट की नाराजगी
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि चुनाव आयुक्त बीजेपी के पक्ष में खड़े हैं. उन्होंने महाराष्ट्र चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ने पर सीसीटीवी मांगने पर प्राइवेसी का बहाना बनाया गया. साथ ही उन्होंने पार्टी और चुनाव चिन्ह छीने जाने पर भी सवाल उठाया.
डीएमके ने भी साधा चुनाव आयोग पर निशाना
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है, जिसमें मतदाता विवरण प्रकाशित करने को कहा गया था. उन्होंने बिहार में नए मतदाताओं की असामान्य रूप से कम संख्या पर चिंता जताई.
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