Punjab: मोहाली में डंपिंग ग्राउंड पर लगी JCB तो मच गया हंगामा, स्थानीय लोगों ने लौटाया, जानें पूरा मामला

मोहाली में रविवार (17 अगस्त) को फेज़ 8B के पास पुराने डंपिंग ग्राउंड वाली जमीन पर अचानक जेसीबी मशीनें लगने के बाद स्थानीय लोग भड़क उठे. करीब 13 से 14 एकड़ क्षेत्र में सफाई और जमीन समतल करने का काम शुरू होते ही गुस्साए निवासियों ने मौके पर पहुंचकर मशीनें रुकवा दीं और ड्राइवरों को लौटना पड़ा. 

यह विवाद इसलिए अहम है क्योंकि कुछ दिन पहले ही विधायक कुलवंत सिंह ने शाहिमाजरा के आंदोलनकारी निवासियों को आश्वस्त किया था कि कचरा प्रबंधन के लिए नई जगह तय की जाएगी, जहां 8 फीट ऊंची दीवार और आधुनिक वेस्ट सेग्रीगेशन प्लांट बनाया जाएगा. मगर अचानक पुराने डंपिंग ग्राउंड पर मशीनें लगने से आसपास के इलाकों में फिर से डर और गुस्से का माहौल बन गया.

क्या है स्थानीय लोगों की मांग?

स्थानीय लोगों ने साफ कहा कि वे एक बार फिर पुराने हालात नहीं झेल सकते. सेक्टर 90 की रामदीप कौर ने बताया कि किस तरह सालों तक डंपिंग ग्राउंड में लगी आग से जहरीला धुआं लोगों को सांस लेने तक नहीं देता था और आखिरकार अदालत के आदेश के बाद ही उन्हें राहत मिली. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जॉइंट एक्शन कमेटी के चेयरमैन बलदेव सिंह नगवंशी ने कहा कि वे पिछले 18 सालों से इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं और 2012 में केस जीतने के बावजूद निगम ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. 

उन्होंने चेतावनी दी कि अब किसी भी सूरत में नया लैंडफिल बनने नहीं दिया जाएगा. इसी बीच यह भी जानकारी सामने आई है कि 18 अगस्त को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का कोर्ट कमिश्नर साइट का दौरा करेगा और निवासी उसी दौरान अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे.

निवासियों का कहना है कि अगर नगर निगम के पास कचरा डालने की मजबूरी है तो उसे सामगौली में ले जाया जाए, जहां निगम के पास पहले से ही 50 एकड़ जमीन मौजूद है. सेक्टर 90–91 की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष राजिंदर सिंह सिद्धू ने साफ कहा कि पुराने डंपिंग ग्राउंड के पास दोबारा कचरा डालने की अनुमति किसी भी हालत में नहीं दी जाएगी.

कभी गोल्फ कोर्स के लिए तय था यह इलाका?

वहीं गोल्फ व्यू टावर्स की पूर्व अध्यक्ष बबीता हुंदल ने कहा कि यह इलाका कभी गोल्फ कोर्स के लिए तय था, लेकिन निगम की लापरवाही से कचरे के ढेर में बदल गया. उन्होंने कहा कि अगर जमीन को गोल्फ रेंज के लिए तैयार किया जा रहा है तो उसका स्वागत है, लेकिन कचरा फेंकने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा. छप्पर चिरी कलां के सरपंच जसप्रीत सिंह ने भी दो टूक कहा कि चाहे कितना भी दबाव बनाया जाए, लोग डंपिंग ग्राउंड को फिर से शुरू नहीं होने देंगे.

प्रशासन का क्या है कहना?

उधर प्रशासन का कहना है कि यह जमीन नगर निगम की है और यहां सफाई करने के लिए मशीनें लगाई गई हैं. मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह जीती सिद्धू ने कहा कि फैसले सरकार ले रही है और उनकी व्यक्तिगत राय हमेशा यही रही है कि कचरा 24 घंटे के भीतर उठाया जाना चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो. नगर निगम कमिश्नर परमिंदर पाल सिंह ने भी यही दोहराया कि निगम केवल अपनी जमीन साफ कर रहा है और इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. 

लेकिन दूसरी तरफ, अकमे हाइट्स के दीपक कुमार, पोस्ट सिटी के विशाल कुमार समेत कई सोसाइटियों और आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर कहा कि यहां नया डंपिंग ग्राउंड किसी भी हालत में मंजूर नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग की कि मोहाली की कचरा समस्या का स्थायी और वैज्ञानिक समाधान निकाला जाए, न कि लोगों की जान खतरे में डालकर पुराना तरीका दोहराया जाए.

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