भारत में बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने से कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में तबाही मच चुकी है। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से लगभग 46 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ से सैकड़ों लोगों की जान चली गई है। बताया जा रहा है कि कम से कम 200 लोगों की मौत हुई है।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कई जिलों में विनाशकारी बाढ़ से तबाही मची है। सड़कें, पुल, घर, स्कूल बह गए हैं। इसके साथ ही बुनियादी ढांचे को बुरी तरह नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। AP की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 243 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 157 लोग सिर्फ बुनेर जिले में मारे गए।
स्वात, बुनेर, शांगला, बाजौर, लोअर दीर, बट्टाग्राम और मनसेहरा जिलों में भारी नुकसान हुआ है। 1122 टीमों को बचाव के लिए लगाया गया है। बुनेर जिले में 2071 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जिसमें 300 स्कूली बच्चे भी शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी रहने के कारण पूरे जिले में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। दूर और दुर्गम क्षेत्रों में बचाव अभियान चलाने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा है।
हेलीकॉप्टर क्रैश में 5 की मौत
रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने और राहत-बचाव सामग्री पहुंचाने के लिए लगाया गया MI-17 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। इस हेलीकॉप्टर के चालक दल के सदस्यों के सम्मान में एक दिन के शोक की घोषणा की गई है।
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बाढ़ से मची तबाही को लेकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई और आपदा प्रबंधन विभाग को पर्यटकों एवं बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक पाकिस्तान में 26 जून से बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण मरने वालों की संख्या 556 हो गई है।
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