किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले क्यों फोड़ते हैं नारियल, शास्त्रों के हवाले से जान लें गूढ़ रहस्य

किसी भी शुभ कार्य से पहले नारियल (Coconut) फोड़ना सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि वेद-पुराण, ज्योतिष और विज्ञान, तीनों के अनुसार शुभता, शुद्धता और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है.

नारियल (Coconut) का कठोर खोल अहंकार और नकारात्मकता को तोड़ने का संकेत देता है, जबकि इसकी सफेद गिरी आत्मा की पवित्रता दर्शाती है. यह क्रिया शुभारंभ से पहले सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करने का माध्यम है.

शास्त्रीय महत्व (Shastra Significance of Coconut)

  • वेद-पुराणों में उल्लेख- स्कंद पुराण और अग्नि पुराण में नारियल को श्रीफल कहा गया है, जिसका अर्थ है ‘लक्ष्मी का फल’. इसे समृद्धि, सौभाग्य और सफलता का प्रतीक माना जाता है.
  • त्रिमूर्ति का प्रतीक- नारियल के ऊपर मौजूद तीन नेत्र ब्रह्मा (सृजन), विष्णु (पालन) और शिव (संहार) का प्रतिनिधित्व करते हैं.
  • शास्त्रीय प्रमाण- मंत्र ब्रह्मण में कहा गया है कि श्रीफलं ब्रह्मसंपन्नं सर्वकार्येषु पूजितम् अर्थात, नारियल ब्रह्मतत्व से संपन्न फल है और सभी शुभ कार्यों में पूजनीय है.

ज्योतिषीय दृष्टिकोण (Astrological Importance)

  • ग्रह दोष निवारणः नारियल को बहते जल में प्रवाहित करने से नकारात्मक ग्रह प्रभाव कम होते हैं.
  • शनिवार का महत्वः शनिवार को पीपल के नीचे नारियल फोड़ने से शनि दोष कम होने और भाग्य वृद्धि का विश्वास है.
  • विशेष तिथियांः अमावस्या, नवमी, और ग्रह शांति पूजा में नारियल अर्पण अत्यंत शुभ माना जाता है.

वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण (Scientific & Psychological Reasons)

  • शुद्ध जल का प्रतीकः नारियल का जल बैक्टीरिया-रहित और शुद्ध होता है, इसलिए इसे अमृत तुल्य माना गया है.
  • अहंकार-त्याग का संदेशः कठोर खोल हमारे अहंकार और नकारात्मक विचारों का प्रतीक है.
  • मानसिक एकाग्रताः नारियल फोड़ने की ध्वनि पूजा के समय मानसिक ऊर्जा और ध्यान को केंद्रित करती है.

शुभ परिणाम के लिए नरियल का उपाय
शनिवार को नारियल फोड़कर जल अर्पित करें, शनि दोष में राहत मिलती है. नवरात्रि में माता दुर्गा को नारियल अर्पित करें, बाधाएं दूर होती हैं. व्यापार की शुरुआत में नारियल फोड़कर चारों ओर के टुकड़े फैलाएं, नकारात्मकता दूर होती है.

सांस्कृतिक परंपराएं (Cultural Significance)

  • दक्षिण भारत- मंदिर प्रवेश से पहले नारियल फोड़ना यात्रा और कार्यारंभ का पहला चरण है.
  • केरल और तमिलनाडु- देवी-देवताओं को नैवेद्य के रूप में नारियल अर्पित करना अनिवार्य है.
  • बौद्ध संस्कृति- नारियल को शुद्ध दान और आत्मिक शांति का प्रतीक माना गया है.

FAQs
Q1: क्या नारियल फोड़ना हर पूजा में जरूरी है?
हां, यह शुभता और समर्पण का प्रतीक है.

Q2: क्या टूटा नारियल पूजा में चढ़ाया जा सकता है?
नहीं, केवल अखंड नारियल ही अर्पित करना चाहिए.

Q3: नारियल कब फोड़ना शुभ है?
शुभ मुहूर्त और पूजा की शुरुआत में.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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