Bihar Flood: समस्तीपुर में बाढ़ की मार, पानी में डूबे कई गांव, जिले के 57 स्कूल बंद, पलायन को मजबूर लोग

समस्तीपुर जिले में बाढ़ की मार से शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है. मोहिउद्दीननगर, मोहनपुर और विद्यापतिनगर प्रखंड में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिससे धीरे-धीरे बाढ़ विकराल रूप ले चुका है. गंगा एवं बाया नदी में तेज जलवृद्धि के कारण तीनों प्रखंड के दर्जनों स्कूल जलमग्न हो गए हैं. 

पठन-पाठन पूरी तरह ठप

जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार मोहिउद्दीननगर प्रखंड के 31, मोहनपुर प्रखंड के 22 और विद्यापतिनगर प्रखंड के 4 विद्यालयों में घुटने भर से अधिक पानी भर गया है, जिससे पठन-पाठन पूरी तरह ठप है. इन तीन प्रखंड के 57 स्कूल परिसरों में पानी भर जाने से वैकल्पिक स्थानों पर पढ़ाई कराने की व्यवस्था भी अभी तक नहीं की गई है. 

डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है. जलस्तर सामान्य होने और परिसर की सफाई के बाद ही इन्हें खोला जाएगा. फिलहाल प्रशासन बाढ़ राहत कार्यों में जुटा है और शिक्षा व्यवस्था को जल्द बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. 8 अगस्त को पांच स्कूल को बंद किए गए थे, बारिश के बाद पानी बढ़ने से अब 57 स्कूल बंद कर दिए गए हैं. 

वहीं स्थानीय प्रशासन ने अभिभावकों से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहने और किसी भी सूचना के लिए स्कूल प्रशासन या प्रखंड कार्यालय से संपर्क करने की अपील कर रही है. जबकि बाढ़ से हजारों छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है और इसका सीधा असर अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन पर पड़ने की आशंका है.

बता दें कि गंगा व उसकी सहायक बाया नदी के जलस्तर में पिछले चार दिनों से हो रहे अप्रत्याशित वृद्धि ने दियारांचल इलाकों के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी है. विद्यापतिनगर के चार पंचायत मऊ धनेशपुर दक्षिण के मऊ दियारा, वार्ड दस अजीतपुर टोला, शेरपुर ढ़ेपुरा के दियारा वार्ड 13,14, व 15, बाजिदपुर के चमथा, दादा टोल, दानी टोल, सांझिल टोला, नील खेत टोला व बालकृष्णपुर मड़वा के गोपालपुर दियारा, लोदियाही, मुसहरी टोला, गरेडिया टोला आदि गांव पूर्ण रूप से बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों प्रभावित लोग पलायन को विवश हैं.

वहीं लगातार जल बढ़ोत्तरी से हलकान बाढ़ पीड़ित दो खेमों में बंट कर कोई अपने मवेशियों के जान की हिफाजत के लिए घर द्वार छोड़ ऊंचे व सुरक्षित जगहों पर शरण लेने की कवायद में जुटे हैं. रोजी-रोटी का आसरा भी खत्म हो गया है. परिवार के सदस्यों को अपने घर की सुरक्षा के लिए उन्हें अपने घर के छत को ही आशियाना बनाना पड़ रहा है. घर की महिलाओं, बीमार, बुजुर्ग व बच्चों को जल पल्लावित इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाल उन्हें या तो सुरक्षित स्थल या फिर रिश्तेदार तक पहुंचाने की परेशानी है.

पूजा पाठ कर रहीं महिलाएं

मऊ दियारा में शाम को गांव की महिलाएं पूजा पाठ के जरिए गंगा मईया को मनाने में जुटी है. गांव की बुजुर्ग कहती हैं कि, ”हम उनकी आरती कर रहे हैं कि गंगा मैया मान जाइए. उनसे कह रहे है कि जहां से आए हैं, वहां चले जाइये, आपको प्रणाम करते हैं. निभा देवी बताती हैं कि हमारे गांव की स्थिति बहुत खराब है. हम सब डूब गए हैं. घर में पानी घुस गया है. चूल्हा-चौका सब बंद है. सरकार से हमारी मांग है कि हम लोगो की मदद करें.

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