Halshashthi Vrat 2025: हल षष्ठी या हल छठ व्रत इस साल 14 अगस्त 2025 गुरुवार को है.इस मौके पर व्रती महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और सुखी जीवन के लिए उपवास रखती है. हल छठ व्रत में सबसे पहले गणेश जी, माता पार्वती,छठ मैय्या और बलराम जी की पूजा की जाती है.
दरअसल भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हुआ था और उनका शस्त्र हल है, जिस कारण इस तिथि को हल षष्ठी व्रत या ऊब छठ के नाम से जाना जाता है.
ऐसे में जो महिलाएं पहली बार हल षष्ठी व्रत करने जा रही है, उन्हें कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए. इन नियमों का पालन नहीं करने पर व्रत टूट भी सकता है, जिसके कारण उन्हें उपवास का पूरा फल प्राप्त नहीं होगा. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के मुताबिक हल षष्ठी व्रत के दौरन भूलकर भी ये 6 काम नहीं करने चाहिए.
हल षष्ठी व्रत में 6 काम भूलकर भी नहीं करें
- हल षष्ठी व्रत जैसा कि अपने नाम से प्रतीत होता है कि इसमें हल और षष्ठी तिथि का संयोग है. इस व्रत के दौरान उन वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता है, जो हल से जोतकर पैदा की गई है.
- हल षष्ठी व्रत के दौरान भूलकर भी गाय के दूध या उससे बनी चीजों जैसे दही, घी आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
- इस व्रत के दौरान महिलाओं को महुआ के दातुन से दांत साफ करना चाहिए. अन्य तरह के दातुन का इस्तेमाल वर्जित होता है.
- हल षष्ठी व्रत के दौरान महिलाओं को हल से जोती हुई जमीन पर चलने की मनाही होती है. ऐसा करने से उनका उपवास टूट सकता है.
- व्रत के दिन व्रती महिलाओं को तामसिक वस्तुएं जैसे लहसुन, प्याज, मांस आदि का सेवन वर्जित होता है.
- इस दिन व्रती महिलाओं को अपनी संतान को कष्ट नहीं देना चाहिए, क्योंकि आप ये व्रत उनकी सलामती के लिए रख रही हैं. वहीं संतानों को भी इस माता को दुख या कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए.
हल षष्ठी व्रत मुहूर्त
- भाद्रपद कृष्ण षष्ठी तिथि की शुरुआत- 14 अगस्त, गुरुवार सुबह 4 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगा.
- भाद्रपद कृष्ण षष्ठी तिथि का अंत- 15 अगस्त, शुक्रवार, मध्य रात्रि 2 बजकर 7 मिनट पर
- सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन रहेगा.
- अभिजीत मुहूर्त- 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है.
हल षष्ठी व्रत में महिलाएं क्या खाएं
इस व्रत के दौरान महिलाओं को सिंघाड़े या महुआ के आटा से बने पकवान को खाना चाहिए. इसके साथ ही तिन्नी के चावल, भैंस का दूध, दही, घी, फल आदि का सेवन कर सकती है. हल जोतकर पैदा की गई वस्तुओं को खाने से परहेज करना चाहिए.
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