‘पिक्चर अभी बाकी है…’, चुनाव आयोग से दो-दो हाथ करने के मूड में राहुल गांधी; अब क्या बोले?

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए चुनाव आयोग पर बीजेपी के साथ मिलीभगत कर मतदाता सूचियों में गड़बड़ी करने का आरोप दोहराया. उन्होंने कहा कि यह साजिश पिछले साल कर्नाटक और महाराष्ट्र में हुई थी और अब बिहार में ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन’ के जरिए दोहराने की तैयारी है.

उन्होंने कहा,“यह सिर्फ एक-दो सीटों का मामला नहीं है… कई सीटों पर ऐसा हुआ है. यह राष्ट्रीय स्तर पर और प्लानिं के साथ किया जा रहा है. चुनाव आयोग को इसकी जानकारी है. पहले सबूत नहीं थे, अब हैं… हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग ‘वन पर्सन, वन वोट’ का कर्तव्य नहीं निभा रहा.”  इसके साथ ही राहुल गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा, “अभी पिक्चर बाकी है.”

संसद के बाहर प्रदर्शन और हिरासत
यह बयान संसद के बाहर सोमवार को हुए नाटकीय घटनाक्रम के 24 घंटे बाद आया, जब कांग्रेस और INDIA ब्लॉक के सांसदों ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट जारी करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया. वर्तमान में चुनाव आयोग वोटर लिस्ट की स्कैन की गई तस्वीरें जारी करता है, जिससे गलतियों को जांचना लगभग असंभव हो जाता है. दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, अखिलेश यादव, संजय राउत समेत 29 विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिया था.

 पुराने आरोप और चेतावनी
पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को चेतावनी दी थी, “संविधान पर हमला करने से पहले दो बार सोचो. हम तुम्हें एक-एक करके पकड़ेंगे… और अगर तुमने हमें डेटा (वोटर लिस्ट और पिछले 10 साल के पोल बूथ वीडियो) नहीं दिया, तो छुप नहीं पाओगे.”

उन्होंने दावा किया कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में 1.02 लाख अवैध वोट डाले गए, जिनमें सिर्फ बेंगलुरु के महादेवपुरा इलाके में एक कमरे के पते पर 80 वोटर रजिस्टर्ड पाए गए. उनका कहना है कि इस गड़बड़ी से कांग्रेस बेंगलुरु सेंट्रल सीट हार गई, जहां बीजेपी के पीसी मोहन ने कांग्रेस के मंसूर खान को 33,000 वोटों से हराया.

महाराष्ट्र में भी गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी और विपक्ष ने 2024 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं. उनका दावा है कि बीजेपी नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की लोकसभा चुनाव में हार के सिर्फ चार महीने बाद मतदाता सूची में एक करोड़ से ज्यादा नए नाम जुड़े, जो संदिग्ध है. विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन’ को भी चुनाव से पहले संदिग्ध बताया है. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

चुनाव आयोग और बीजेपी का जवाब
चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी प्रक्रियाएं पारदर्शी हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं. आयोग ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह अपने दावों को शपथपत्र में दर्ज कर सबूत पेश करें. शुक्रवार को आयोग ने 2018 का एक मामला भी उठाया, जब उसने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की याचिका में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की थी.

बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने कहा, “अगर राहुल गांधी अपनी साख बचाना चाहते हैं, तो उन्हें शपथपत्र के तहत उन अपात्र मतदाताओं के नाम बताने होंगे जिनका वे दावा कर रहे हैं… अगर वे ऐसा नहीं करते, तो साफ हो जाएगा कि उनका कोई मामला हकीकत नहीं है और वे सिर्फ राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं.”

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