उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण के राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के वोट बैंक को लेकर दिए गए बयान पर अब सियासी घमासान मच गया है. मथुरा छाता सीट से जुड़े इस विवाद में अब कैबिनेट मंत्री तेजपाल सिंह ने लक्ष्मीनारायण के बयान का खुलकर विरोध किया है. तेजपाल ने कहा कि लक्ष्मीनारायण का दावा गलत है और यह रालोद-भाजपा गठबंधन के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
बता दें कि चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा था कि रालोद का वोट कभी भाजपा को नहीं मिला. जिस कारण 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार से जीत का अंतर कम हो गया.इस बयान के बाद दोनों दलों में स्थानीय स्तर पर अनबन तेज हो गयी है.
लक्ष्मीनारायण का बयान
लक्ष्मीनारायण ने दावा किया था कि भाजपा को रालोद का वोट कभी नहीं मिला, खासकर छाता विधानसभा क्षेत्र में. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में छाता की पांच विधानसभाओं में केवल मांट सीट पर गठबंधन प्रत्याशी को बढ़त मिली, जबकि बाकी सीटों पर भाजपा का दबदबा रहा. उन्होंने रालोद नेताओं को भ्रम से बाहर निकलने की सलाह दी और दावा किया कि छाता सीट पर रालोद का कोई प्रभाव नहीं है.
तेजपाल का पलटवार
वहीं रालोद नेता तेजपाल सिंह ने इस बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि लक्ष्मीनारायण का बयान गलत और गैर-जिम्मेदाराना है. रालोद का वोट बैंक छाता में अहम भूमिका निभाता है, और गठबंधन की सफलता में इसका योगदान रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि लक्ष्मीनारायण अपने व्यक्तिगत हित के लिए पार्टी के हित को नुकसान पहुंचा रहे हैं. तेजपाल ने रालोद के साथ गठबंधन को मजबूत करने की वकालत की और कहा कि छाता सीट पर दोनों दलों को मिलकर काम करना चाहिए.
रालोद की प्रतिक्रिया
रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने तेजपाल के समर्थन में बयान जारी कर कहा कि लक्ष्मीनारायण का बयान गठबंधन के खिलाफ है. हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया है. हाल ही में रालोद नेताओं की योगी से मुलाकात ने भी इस विवाद को हवा दी है, जिसमें छाता सीट को लेकर मतभेद साफ दिखे.
सियासी माहौल गर्माया
लक्ष्मीनारायण और तेजपाल के बीच यह टकराव भाजपा और रालोद के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है. छाता सीट पर नियंत्रण को लेकर दोनों पक्षों में जंग तेज हो गई है. अगर ये विवाद यूं ही बढ़ता रहा तो आगामी चुनावों में गठबंधन को बड़ा नुकसान हो सकता है.
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