राहुल गांधी बोले- चुनाव आयोग गुमराह कर रहा है, ये EC का डेटा है, मेरा थोड़ी है जो मैं साइन करूं

नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन (India Alliance) के सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग (Election Commission)  तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने बीच में रोककर सभी को हिरासत में ले लिया। इस मार्च में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे।

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मार्च के दौरान मीडिया ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पूछा कि चुनाव आयोग (Election Commission)  ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है और आप जवाब नहीं दे रहे हैं? राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जवाब देते हुए कहा कि ‘ये चुनाव आयोग (Election Commission)  का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं। हमने आपको ही दिया है। आप अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, सबको पता लग जाएगा। ये सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, देश के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है। चुनाव आयोग (Election Commission)  जानता है कि उसका डेटा फटेगा, इसलिए उसे कंट्रोल और छिपाने की कोशिश हो रही है।

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान बचाने की है। उन्होंने कहा कि ‘यह लड़ाई ‘वन मैन, वन वोट’ के लिए है और हम एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र में उनकी पार्टी के रिसर्च में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट मिले हैं और चुनाव आयोग (Election Commission) इस सच को छिपाने की कोशिश कर रहा है।

चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

दरअसल कर्नाटक की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के आरोपों पर चुनाव आयोग (Election Commission)  ने कड़ा रुख दिखाया है। आयोग ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पत्र लिखकर कहा है कि उन्होंने मतदाताओं के नाम, पते और पहचान में धांधली के जो आरोप लगाए हैं, उनके सबूत पेश करें और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें। अगर वे ऐसा नहीं करते, तो अपने बयान वापस लें और जनता को गुमराह करना बंद करें।

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