रक्षाबंधन के बाद अब अगस्त में कौन सा बड़ा त्योहार आने वाला है?

August Vrat 2025, Janmashtami: सावन के आखिरी त्योहार रक्षाबंधन के बाद अब भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है, भादों में कई महत्वपूर्ण व्रत त्योहार मनाए जाते हैं, हिंदू धर्म में इनकी विशेष मान्यता है. रक्षाबंधन के बाद भाद्रो में कौन सा सबसे बड़ा त्योहार आने वाला है यहां जानें.

रक्षाबंधन के बाद जन्माष्टमी कब है ?

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाई जाती है. भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि की अंधेरी रात में वासुदेव और देवकी की आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.

जन्माष्टमी पूजा का फल

पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से लोगों को धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. द्वापर युग में श्रीकृष्ण के कारण ही कंस, जरासंध, कालयवन जैसे राक्षसों का वध हुआ. भगवान ने पांडवों की मदद करके अधर्मी कौरव वंश को खत्म करवाया. ऐसे में संतान प्राप्ति, शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए कान्हा की पूजा अचूक मानी जाती है.

कान्हा का जन्मोत्सव रात में क्यों मनाते हैं ?

जिस समय कान्हा का जन्म हुआ तब भादो कृष्ण अष्टमी के आठवां पहर, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में चंद्रमा स्थिति थे. द्वापर युग में ये शुभ समय रात्रि 12 बजे हुआ था इसलिए हर साल जन्माष्टमी रात में मनाने की परंपरा है.

जन्माष्टमी पर व्रत क्यों किया जाता है ?

जन्माष्टमी पर दिनभर व्रत रखने की परंपरा है ताकि भक्त पूरी एकाग्रता से पूजा-पाठ कर सकें. जब हम निराहार रहते हैं तो आलस नहीं आता है और हमारा मन व्यर्थ बातों में भटकता नहीं है और हम ईश्वर की भक्ति पूर्ण श्रद्धा से कर पाते हैं. साथ ही व्रत रखने से हमारे पाचन तंत्र को भी आराम मिलता है.

मथुरा-वृंदावन में कैसे मनाते हैं जन्माष्टमी

कृष्ण की जन्मभूमि और बाल्यकाल के घर मथुरा और कान्हा की लीलास्थली वृंदावन में जन्माष्टमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. भक्त जुलूस निकालते हैं, भजन गाते हैं और उनके जीवन के दृश्यों का मंचन करते हैं. मंदिरों को सजाया जाता है और मध्यरात्रि को अभिषेक पूजन होता है. इस दिन साल में एक बार होने वाली मंगला आरती होती है.

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