पूर्वी भारत यानी पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार और झारखंड के लिए खुशखबरी है। रेलवे ने एसी लोकल ट्रेन लॉन्च की है। पूर्वी भारत में ऐसी ट्रेन पहली बार शुरू हुई है। रेलवे ने पं. बंगाल में एसी ईएमयू ट्रेन सेवा की शुरूआत की है। सियालदह और राणाघाट के बीच इसका नियमित व्यावसायिक संचालन 11 अगस्त से होगा। 10 अगस्त को सियालदह रेलवे स्टेशन से केंद्रीय शिक्षा एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन सेवा काफी से चलाने की तैयारी थी।
पूर्वी भारत में पहली बार
पूर्वी रेलवे के महाप्रबंधक मिलिंद देउस्कर ने बताया कि सियालदह और राणाघाट के बीच शुरू की गई एसी ईएमयू सेवा पूर्वी भारत में अपनी तरह की पहली सेवा है। यह ट्रेन राणाघाट और सियालदह के बीच उपनगरीय यात्रियों की आरामदायक यात्रा के लिए सुबह और शाम के व्यस्त समय में चलेगी। साथ ही सांसद जगन्नाथ सरकार ने यात्रियों से मासिक टिकट खरीदने खरीदने की अपील की। ताकि भविष्य में ऐसी और ट्रेनें उपलब्ध हो सकें।
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यह रहेगा रूट और किराया
ट्रेन का नियमित व्यावसायिक संचालन 11 अगस्त से शुरू होगा। राणाघाट स्टेशन से यह ट्रेन सुबह 8:29 बजे से रवाना होकर सुबह 10:10 बजे सियालदह पहुंचेगी। शाम को 6:50 बजे सियालदह स्टेशन से रवाना होकर रात 8:32 बजे रानाघाट पहुंचेगी। यह ट्रेन बिधाननगर रोड, दमदम जंक्शन, सोदपुर, खरदाहा, बैरकपुर, नैहाटी, कांचरापाड़ा, कल्याणी और चकदाहा में रुकेगी। इस ट्रेन का सियालदह से राणाघाट तक पूरी यात्रा के लिए न्यूनतम 35 रुपये और अधिकतम 120 रुपये रखा गया है।
1100 लोग बैठ सकेंगे
ईएमयू ट्रेन में सभी 12 कोच पूरी तरह एसी के हैं। मनोरम दृश्यों को निहारने के लिए कोच में चौड़ी, डबल-सील ग्लास खिड़कियां हैं। सभी कोचों को जोड़ने वाला चौड़ा वेस्टिब्यूल गैंगवे होगा। ट्रेन में 1,100 से अधिक यात्रियों के बैठने की क्षमता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन के हर कोच में 4-4 हाई क्वालिटी सीसीटीवी कैमरे लगें हैं।
मिलेंगी ये आधुनिक सुविधाएं
ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं हैं जो यात्रा को और सुगम बनाएगी। हर कोच में जीपीएस लैस एलईडी लगी होगी जो रीयल-टाइम अपडेट और स्वचालित ऑडियो घोषणाएं करेगी। हर गेट पर आपातकालीन टॉक-बैक सुविधा होगी। संकट की स्थिति में तुरंत मोटरमैन या गार्ड से बात करने की सुविधा होगी। जरूरत पड़ने पर ट्रेन को रोकने के लिए एक आपातकालीन अलार्म सिस्टम भी लगा है। कोच के दोनों तरफ दो-दो सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व रहेंगी।
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