Experts Views: कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार में दबाव दिखा। सेंसेक्स- निफ्टी करीब 1% की गिरावट पर बंद हुए। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बिकवाली हावी रही। ऐसे में बाजार की आगे की चाल और LIC MF Multicap Fund की स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए LIC MF AMC के CIO (Equity) योगेश पाटिल (Yogesh Patil) ने कहा कि मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ी है। अर्निंग सीजन में मिली-जुली तस्वीर रही। कुछ कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, कुछ ने नहीं। निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव की संभावना है। ग्लोबल अनिश्चितता से उतार-चढ़ाव है। टैरिफ टेंशन से बाजार में घबराहट है। न्यूज फ्लो और ग्लोबल मूवमेंट्स का असर देखने को मिल रहा है। RBI ने लिक्विडिटी सपोर्ट दिया है। इंडिया की डोमेस्टिक इकोनॉमी मजबूत बनी हुई है। कैपेक्स, डिफेंस और एग्री-रिफॉर्म्स से सपोर्ट मिलेगा। आय बढ़ने से इकनॉमिक ग्रोथ और मजबूत होगी। भारतीय बाजार के बेसिक फंडामेंटल्स मजबूत हैं। FII बिकवाली से मार्केट पर दबाब देखने को मिल रहा है। बाजार पर DII ने सपोर्ट बनाए रखा। मीडियम टू लॉन्ग टर्म में सुधार की उम्मीद है। निवेशकों को शॉर्ट टर्म में सतर्क रहने की सलाह होगी। लंबी अवधि में निवेश की सलाह होगा।
अर्निंग सीजन पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि इस बार की अर्निंग्स मिक्स्ड रही । अर्निंग्स में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है। ना बहुत बड़ा पॉजिटिव, ना कोई बड़ा निगेटिव रहा। बहुत से सेक्टर्स पर ग्लोबल इवेंट्स का असर पड़ा। पावर इक्विपमेंट स्पेस की परफॉर्मेंस अच्छी रही। कई सेक्टर पर ग्लोबल मूवमेंट्स का असर देखने को मिला। कई कंपनियों ने गाइडेंस देना बंद कर दिया है। अभी भी बहुत से सेक्टर्स में क्लैरिटी नहीं है। कैपिटल गुड्स सेक्टर की अच्छी परफॉर्मेंस देखने को मिल रही है। IT सेक्टर अब भी कंफ्यूजन की स्थिति में है। US और अन्य ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता है। IT कंपनियों की कमेंट्री भी सपष्ट नहीं है। 2025 IT सेक्टर के लिए कमजोर रह सकता है। Q2 से सुधार शुरू होने की उम्मीद है।
LIC AMC का इन्वेस्टमेंट स्टाइल क्या हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गवर्नेंस सबसे जरूरी: प्रमोटर कितना भरोसेमंद है?कंपनी का बिजनेस टिकाऊ है या नहीं। कंपनी क्या नया इनोवेशन कर रही है। कैपिटल यूटिलाइजेशन पर फोकस है। कंपनी की आगे बढ़ने की क्षमता है।
वैल्युएशन पर राय देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ PE या PB रेश्यो देखना काफी नहीं है। वैल्युएशन को ग्रोथ, फ्यूचर अर्निंग से जोड़कर देखना जरूरी है। वैल्युएशन और ग्रोथ दोनों का बैलेंस बहुत जरूरी है। PEG Ratio से स्टॉक्स का चयन है। इंटरेस्ट रेट, रिस्क प्रीमियम पर नजर होता है। PEG के आधार पर वैल्युएशन को ट्रैक करते हैं। हाई ग्रोथ स्टोरीज पर फोकस रहेगा।
BFSI को लेकर न्यूट्रल टू पॉजिटिव आउटलुक
बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर पर राय देते हुए योगेश पाटिल ने कहा कि BFSI सेक्टर में 23–25% तक का एलोकेशन है। फंड का लगभग एक-चौथाई हिस्सा निवेशित है। BFSI को लेकर न्यूट्रल टू पॉजिटिव आउटलुक है। पिछले 2–3 साल से BFSI स्पेस थोड़ा सुस्त रहा, लेकिन अभी BFSI स्पेस में रिकवरी के संकेत मिल रहे है। क्रेडिट ग्रोथ में सुधार दिख रहा है। NBFCs पर पॉजिटिव नजरिया है। इंडस्ट्रियल फाइनेंस, CV जैसी NBFCs में ग्रोथ की संभावना है। कई NBFCs तेज ग्रोथ दिखा सकती हैं। RBI के लिक्विडिटी से सेक्टर को फायदा मिलेगा। BFSI को लेकर न्यूट्रल टू पॉजिटिव आउटलुकहै।
कंजम्पशन सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाई एंड कंजम्पशन पर पॉजिटिव आउटलुक है। मास कंजम्पशन में अभी भी काफी चुनौतियां है। होटल, ट्रेवल, प्रीमियम रिटेल स्पेस नें अच्छी ग्रोथ है। हाई एंड कंजम्पशन में ज्यादा एक्सपोजर रहा। 2 साल से मास कंजम्पशन थोड़ा कमजोर रहा। FMCG, Auto जैसी कैटेगरी की ग्रोथ कमजोर रहा। मास कंजम्पशन में लिमिटेडएक्सपोजर है।
किन सेक्टर में अंडरवेट
कमोडिटी एंड कमोडिटी केमिकल्स में अंडरवेट है। वहीं IT सेक्टर में कम एक्सपोजर रखा है। सेलेक्टिव फार्मा स्पेस में एक्सपोजर है।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
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