पाकिस्तानी एक्सपर्ट मुक्तेदार खान का कहना है कि जो 25 प्रतिशत पेनल्टी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगाने वाले हैं, हो सकता है कि वो भारत पर इसे न लगाएं और 25 परसेंट टैरिफ को भी कम कर दें. उनको लगता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद ट्रंप ऐसा फैसला ले सकते हैं. रूस ने गुरुवार (7 अगस्त, 2025) को कहा था कि जल्दी ही पुतिन और ट्रंप की मुलाकात हो सकती है.
मुक्तेदार खान ने कहा है कि ये जो टैरिफ और पेनल्टी की बातें अभी चल रही हैं, उसको फाइनल नहीं समझना चाहिए क्योंकि भारत की अमेरिका से ट्रेड को लेकर अब भी बात चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत पर अमेरिका ने दो टैरिफ लगाए हैं, 25 परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ है और 25 परसेंट पेनल्टी है, जो रूस का तेल लेने के लिए लगी है.
मुक्तेदार खान ने कहा कि 25 परसेंट रेसिप्रोकल टैरिफ आज से लागू हो गया है और बाकी की 25 परसेंट पेनल्टी 27 अगस्त के बाद लगेगी, लेकिन उससे पहले डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होनी है, यूएई में, तो हो सकता है कि उससे भारत को कुछ राहत मिल जाए.
मुक्तेदार खान ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप जा रहे हैं तो उनको कहीं न कहीं लग रहा होगा कि काम की बात हो सकती है. वरना वे क्यों यूएई जाएंगे, अबू धाबी में पुतिन से मिलेंगे और खाली हाथ वापस आ जाएंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकोफ से पुतिन की मुलाकात का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने कहा कि उनको लगता है कि विटकॉफ वापस जाकर कहेंगे कि कुछ 2-3 छोटी मोटी चीजें हैं और हम पुतिन के साथ डील कर सकते हैं इसलिए हमने उनके साथ मीटिंग की.
मुक्तेदार खान ने कहा कि अगर ट्रंप और पुतिन की मीटिंग भारत पर नहीं लगहो जाती है और सीजफायर के करीब पहुंच जाते हैं तो भारत पर टैरिफ लगाने का क्या मतलब रह जाएगा. उन्होंने कहा कि जर्मनी की इकोनॉमी भी बहुत उल्टी-पुल्टी हुई है क्योंकि उन्हें अमेरिका से बहुत महंगा तेल खरीदना पड़ रहा है तो वे भी चाहेंगे कि सीजफायर हो जाए तो रूस से तेल खरीदें. उन्होंने कहा कि दूसरा ये है कि भारत और अमेरिका के बीच बातें चल रही हैं तो अगर वो इस पर थोड़ा काम करेंगे तो जो 25 परसेंट टैरिफ लगा है उसको 15 परसेंट तक ला सकते हैं.
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