ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री ट्रंप टैरिफ के असर से निपटने के लिए अमेरिका प्लस स्ट्रैटेजी पर काम कर रही है। यानि अमेरिका के अलावा बाकी बाजारों की तलाश। ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के एसोसिएशन ACMA के मुताबिक साल 2024-25 में भारत से ऑटो कंपोनेंट निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 27 फीसदी था। इंडस्ट्री का कहना है कि वो टैरिफ के असर से निपटने के लिए तैयार है। इसके लिए अमेरिका प्लस स्ट्रैटेजी पर काम हो रहा है। ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री अमेरिका के अलावा बाकी बाजारों की तलाश कर रही है। लेटिन अमेरिका और अफ्रीका में बहुत क्षमता है। इंडस्ट्री को सरकार पर भरोसा है।
इस मुद्दे पर बात करते हुए ACMA के DG विन्नी मेहता ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ की मात्रा अधिक है। यह निश्चित रूप से एक चिंता का विषय है। लगभग 55 फीसदी ऑटो पार्ट्स अब 50 फीसदी टैरिफ में होंगे। इसका विश्लेषण हो रहा है। बातचीत के लिए 21 दिन की अवधि बाकी है। हमें सरकार पर भरोसा है। ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री वैकल्पिक बाज़ारों की तलाश कर रहा है और इस पर भी फोकस किया जा रहा है कि कैसे प्रतिस्पर्धी बने रहें।
स्टील बर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मानव कपूर ने कहा कि हम अमेरिका पर निर्भर रहने के रिस्क को कम कर रहे हैं। कई ऐसे देश हैं, जिन पर हमारी नज़र नहीं गई है। लैटिन अमेरिका और अफ्रीका में बहुत क्षमता है। उधर केके लाइटिंग के एमडी हितेश मेहंदिरत्ता ने कहा कि हम कई अन्य देशों को निर्यात कर रहे हैं और बाकी देशों पर ज़्यादा फोकस किया जाएगा।
Read More at hindi.moneycontrol.com