Delhi: सड़कों पर पार्किंग को लेकर बढ़ते हिंसक मामले, आंकड़े दिखाते गंभीर हालात

दिल्ली के निजामुद्दीन में 7 अगस्त की रात एक पार्किंग विवाद ने बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी के भाई आसिफ कुरैशी की जान ले ली. स्कूटर पार्किंग को लेकर हुए झगड़े में दो लोगों ने आसिफ की हत्या कर दी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर हथियार जब्त किया है. यह घटना दिल्ली में बढ़ती पार्किंग समस्याओं और हिंसा की ओर ध्यान खींचती है, जो शहर की ट्रैफिक और स्थान की कमी को उजागर करती है.

पार्किंग विवादों में हिंसा का बढ़ता ग्राफ

दिल्ली में पार्किंग को लेकर हिंसक झगड़े कोई नई बात नहीं हैं. दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि यह समस्या हर साल गंभीर होती जा रही है. 2021 में पुलिस को पार्किंग विवादों से जुड़ी 2,413 शिकायतें मिलीं.

2022 में यह संख्या बढ़कर 3,367 हो गई, और 2023 में यह आंकड़ा 7,328 तक पहुंच गया. यानी दो साल में हिंसक पार्किंग झगड़ों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ. ये आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में जगह की कमी और बढ़ते वाहनों की संख्या किस तरह छोटे-मोटे विवादों को हिंसक बना रही है.

अवैध पार्किंग पर हुए लाखों चालान

पार्किंग की समस्या सिर्फ झगड़ों तक सीमित नहीं है. दिल्ली में अवैध और गलत तरीके से पार्किंग भी बड़ा मुद्दा है. 2024 में अब तक 4.79 लाख चालान अवैध या गलत पार्किंग के लिए काटे जा चुके हैं.

सड़कों पर जगह की कमी और नियमों की अनदेखी के चलते लोग कहीं भी गाड़ी खड़ी कर देते हैं, जिससे न सिर्फ ट्रैफिक जाम होता है, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी मुश्किलें बढ़ती हैं.

दिल्ली में वाहनों की बेतहाशा संख्या

दिल्ली इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में कुल 79.46 लाख वाहन हैं. इनमें 20.71 लाख कारें और जीप, करीब 53 लाख मोटरसाइकिल और स्कूटर, 93,654 ऑटो रिक्शा, 83,278 टैक्सियां, 33,294 बसें, और 2.74 लाख ट्रैक्टर, मालवाहक वाहन और अन्य वाहन शामिल हैं. इसके अलावा, हर दिन करीब 1,500 नए वाहन शहर में रजिस्टर हो रहे हैं. इतनी बड़ी संख्या में वाहनों के लिए पार्किंग की जगह बेहद सीमित है.

पार्किंग की जगह का संकट

दिल्ली में पार्किंग की स्थिति बेहद चिंताजनक है. अनुमान के मुताबिक, पूरे शहर में सिर्फ 1.5 लाख पार्किंग स्थान हैं, जबकि वाहनों की संख्या इसके मुकाबले कई गुना ज्यादा है. बढ़ते वाहनों, सीमित जगह, और कमजोर बुनियादी ढांचे की वजह से दिल्ली की सड़कें और गलियां पार्किंग की जंग का मैदान बन गई हैं.

अवैध पार्किंग, ट्रैफिक जाम और पैदल रास्तों पर अतिक्रमण आम बात हो गई है. पार्किंग नियमों का पालन कराने में भी प्रशासन की ढिलाई इस समस्या को और गंभीर बना रही है.

क्या है समाधान?

पार्किंग विवाद और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली को तुरंत ठोस कदम उठाने की जरूरत है. मल्टीलेवल पार्किंग, स्मार्ट पार्किंग सिस्टम और सख्त नियमों का पालन करने कुछ समाधान हो सकते हैं.

इसके अलावा, लोगों में जागरूकता फैलाने और पड़ोसियों के बीच छोटे-मोटे विवादों को सुलझाने के लिए सामुदायिक स्तर पर पहल भी जरूरी है. आसिफ कुरैशी की हत्या जैसी घटनाएं न सिर्फ दुखद हैं, बल्कि यह भी चेतावनी देती हैं कि अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो दिल्ली में हालात और बिगड़ सकते हैं.

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