महाराष्ट्र में भाषा विवाद पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने गुरुवार (7 अगस्त) को कहा कि हमारी स्थिति स्पष्ट है कि हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं, पर हम पर जोर जबदस्ती न करें.
उद्धव ठाकरे ने कहा, ”हिंदी भाषी प्रदेश में क्या आप तमिल, तेलगू, मराठी आदि जबदस्ती पढ़ाएंगे, गुजरात से हमारे पीएम आते हैं, वो हिंदी आच्छी बोलते हैं. तो क्या उन्हें बचपन से हिंदी पढ़ाई गई, जिसकी जो जरूरत होती है, वो सीख ली जाती है. पर आप किसी पर कोई जबदस्ती न करें.”
दरअसल, पिछले दिनों महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने पहली से पांचवी तक के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा की तरह पढ़ाने का आदेश दिया था. हालांकि स्थानीय स्तर पर विरोध के बाद सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा.
अमेरिकी टैरिफ पर उद्धव ठाकरे का बयान
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने अमेरिका की तरफ से 50 फीसदी भारत पर टैरिफ लगाए जाने पर भी निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी के बयान पर कहा, ”दो तीन साल पहले यहां जो किसान दिल्ली आना चाहते थे, उनको रोका. यहां किसान रहे और मर गए. तब किसान याद नहीं आए. अब किसान की याद आ रही है. अब सब कह रहे हैं कि मैं किसान का बेटा हूं, किसान का बेटा हूं. अब बेटों को पिताजी की याद आ रही है. तब किसानों के लिए कीलें, दीवालें डाली गई. अब इनका असली चेहरा धीरे धीरे सामने आ रहा है.”
अमेरिका से ट्रेड डील की तरफ इशारा करते हुए पीएम मोदी ने गुरुवार (7 अगस्त) को कहा, ”भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं.”
राज ठाकरे पर उद्धव ठाकरे का बयान
उद्धव ठाकरे ने कहा, ”इनको पहले स्पष्ट करना चाहिए कि कौन देश मित्र हैं और कौन दुश्मन. दुनिया के सारे कोने में पीएम घूम आए हैं पर कोई साथ खड़ा नहीं दिख रहा है. पहले कहते थे कि चीन हमारा दुश्मन है और अब क्यों चीन जा रहे हैं. पाकिस्तान से मैच क्यों खेल रहे हैं. पहलगाम में जो सिंदूर गया है, वो अब याद नहीं है. एक अब प्रधानमंत्री चाहिए जो देश के लिए काम करे. जब देश पर आपत्ति आती है तब ये गायब रहते हैं.”
इंडिया गठबंधन की मीटिंग पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम दोनों भाई (उद्धव और राज ठाकरे) समर्थ हैं, हमको पता है कि क्या करना और हम लोग करेंगे.
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