Share Market Falls: शेयर बाजार इन 3 कारणों से धड़ाम, सेंसेक्स 550 अंक टूटा, सभी सेक्टर लाल निशान में डूबे – why share market falls today trump tariffs among 3 key factors sensex falls over 450 pts nifty below 24450

Share Market Falls: भारतीय शेयर बाजारों में आज 7 अगस्त को भारी गिरावट देखने को मिली। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 550 अंको तक टूट गया। वहीं निफ्टी फिसलकर 24,400 के नीचे चला गया। अमेरिकी राष्ट्रीय डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़ाए जाने का ऐलान और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डाला। सभी सेक्टोरल भी लाल निशान में डूबे थे। सबसे अधिक गिरावट कैपिटल गुड्स, मेटल, सर्विसेज और इंडस्ट्रियल और कमोडिटी शेयर में देखने को मिली।

सुबह लगभग 10:30 बजे, सेंसेक्स 436.61 अंक या 0.54% गिरकर 80,107.38 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 141 अंक या 0.57% गिरकर 24,433.20 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी पर अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, NTPC और इटरनल जैसे दिग्गज शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली।

शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 3 प्रमुख कारण रहे-

1. अमेरिकी टैरिफ का दोहरा वार

शेयर बाजार को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर टैरिफ को बढ़ाकर 50% कर दिया। ट्रंप ने कहा कि भारत ने उनकी तमाम चेतावनियों के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा है, जिसके चलते उस पर यह एक्सट्रा टैरिफ लगाया जा रहा है। पहले यह टैरिफ 25% था, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। भारत सरकार ने अमेरिका इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अव्यवहारिक” करार दिया है।

ट्रंप के इस फैसले का सबसे अधिक असर टेक्सटाइल, मरीन प्रोडक्ट्स और लेदर एक्सपोर्ट जैसे सेक्टर्स पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जो अमेरिका को बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करते हैं।

2. FIIs की लगातार बिकवाली ने बढ़ाई चिंता

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) पिछले कुछ समय से लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। एक दिन पहले बुधवार को उन्होंने 4,999.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अगस्त में अब तक वो 10,954.49 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इससे पहले जुलाई में उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से करीब 47,600 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे शेयर बाजार में अस्थिरता और कमजोरी बनी हुई है।

3. कच्चे तेल की कीमतों में तेजी

इस बीच ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में गुरुवार को 1% की तेजी आई है और यह 67.56 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए यह एक बड़ी चिंता है क्योंकि इससे देश का इंपोर्ट बिल बढ़ेगा और महंगाई पर दबाव बनेगा। इसका सीधा असर बाजार के सेंटीमेंट पर पड़ता है।

टेक्निकल एक्सपर्ट्स का क्या है कहना?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स के मुताबिक, शेयर बाजार में बनी कमजोरी को अभी स्थायी रूप से थमा हुआ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा, “हालांकि हाल के निचले स्तर बहुत अधिक नीचे नहीं रहे हैं, लेकिन लगातार लोअर हाई फॉर्मेशन यह संकेत दे रहा है कि मंदड़िये बाजार पर हावी हैं।”

उन्होंने कहा, “निफ्टी में गिरावट 24,080 से 23,560 के स्तर तक जा सकती है। रिकवरी की उम्मीद तभी बन सकती है जब निफ्टी 24,590 के ऊपर निकले, और किसी भी मजबूत सुधार के लिए 24,670 से ऊपर का निर्णायक ब्रेकआउट जरूरी होगा।”

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