मिथुन चक्रवर्ती को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, किस मामले में एक्टर के खिलाफ हुई थी कार्रवाई?

Mithun Chakraborty Case Update: मशहूर बॉलीवुड एक्टर और पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन चक्रवर्ती को कोलकाता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अब पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं कर सकती है। कोलकाता हाई कोर्ट ने मिथुन को गिरफ्तारी से राहत दी है और पुलिस की ओर से जांच के लिए उनसे वर्चुअल पूछताछ की गई थी। मामला साल 2021 में भड़काऊ भाषण देने का है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान मिथुन चक्रवर्ती पर कोलकाता के मानिकतला थाने में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है। मिथुन ने एक रैली में ‘मारबो एकहने लाश पोरबे शोशाने’ (यहां मारूंगा, श्मशान में गिरोगे) और ‘मैं पानी का सांप नहीं, कोबरा हूं’ नामक 2 फिल्मी डायलॉग बोले थे। इसलिए कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 153A (सांप्रदायिक नफरत फैलाने), 504 (अपमान करने), 505 (अफवाह फैलाने) और 120B (आपराधिक साजिश रचने) के तहत FIR दर्ज की थी।

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2024 में भड़काऊ भाषण का मामला

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती पर 27 अक्टूबर 2024 को भी पश्चिम बंगाल के साल्ट लेक में BJP के सदस्यता अभियान के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। इस मामले में उनके खिलाफ 2 FIR दर्ज हुई थीं। यह कार्यक्रम पूर्वी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (EZCC) में हुआ था, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। वहीं मिथुन ने अपने भाषण में कहा था कि तुम हमारे डाल का एक फल तोड़ोगे तो हम 4 तोड़ेंगे और साल 2026 में मसनद हमारा होगा।

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इस भाषण को भड़काऊ और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाला माना गया। इतना ही नहीं बिधाननगर दक्षिण थाने और बहूबाजार थाने में कौशिक साहा नामक व्यक्ति की शिकायत पर मिथुन चक्रवर्तीके खिलाफ FIR दर्ज की गईं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की हुई है, लेकिन मिथुन चक्रवर्ती को अभी तक इस मामले में पूछताछ के लिए नोटिस नहीं भेजा गया है।

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उत्तर प्रदेश में भी दर्ज हुआ परिवाद

उत्तर प्रदेश के रामपुर में भी अखिल भारतीय अल्पसंख्यक अधिवक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद रेहान खां ने भी मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उन्होंने मिथुन के साल 2024 में दिए गए भाषण को संप्रदाय विशेष के खिलाफ बताते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया है। कोर्ट ने मिथुन को तलब भी किया।

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती ने भी मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं BJP नेताओं सुकांत मजूमदार और समिक भट्टाचार्य ने मिथुन के खिलाफ कार्रवाइयों को राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि विपक्षी दल TMC ने मिथुन के बयानों को सांप्रदायिक और विभाजनकारी करार दिया है।

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2025 में भी दर्ज हुई है FIR

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ साल 2025 में भी कोलकाता के चितपुर थाने में केस दर्ज हुए है। यहां उनके पूर्व सहायक की पत्नी ने FIR दर्ज कराई है और मिथुन पर गंभीर आरोप लगाए है। इस मामले में सियालदह कोर्ट में गुप्त तरीके से बयान दर्ज कराया गया है। यह मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है और जस्टिस जॉय सेनगुप्ता मामले की सुनवाई करेंगे।

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती को साल 2024 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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