नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, ये केवल कुछ नए भवन और सामान्य इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं। अमृतकाल में इन्हीं भवनों में विकसित भारत की नीतियां बनेंगी, विकसित भारत के महत्वपूर्ण निर्णय होंगे और राष्ट्र की दिशा तय होगी। मैं आप सभी को कर्तव्य पथ भवन की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मैं इसके निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियरों और श्रमिक साथियों का भी इस मंच से धन्यवाद करता हूं। हमने बहुत मंथन के बाद कर्तव्य भवन नाम दिया है। कर्तव्य पथ, कर्तव्य भवन हमारे लोकतंत्र की, हमारे संविधान की मूल भावना का उद्घोष करते हैं।
पढ़ें :- डोनाल्ड ट्रंप की दादागिरी पर रूस का हल्ला बोल, कहा- भारत को मजबूर नहीं कर सकते,हर देश को है अपना साझीदार चुनने की स्वतंत्रता
उन्होंने आगे कहा, ‘कर्तव्य’ सिर्फ एक इमारत का नाम भर नहीं है, यह करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की तपोभूमि है। कर्तव्य ही आरंभ है, कर्तव्य ही प्रारब्ध है। करूणा और कर्मणता के स्नेहसूत्र में बंधा कर्म… यही तो है कर्तव्य। हमारी सरकार, एक holistic vision के साथ भारत के नव-निर्माण में जुटी है। ये तो पहला कर्तव्य भवन पूरा हुआ है, ऐसे कई कर्तव्य भवनों का निर्माण तेजी से चल रहा है। देश का कोई भी हिस्सा आज विकास की धारा से अछूता नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा, हमें फाइलों को लेकर अपने नजरिए को बदलने की जरूरत है। एक फाइल, एक शिकायत… ये देखने में रोजमर्रा का काम लग सकता है, लेकिन किसी के लिए वही एक कागज उनकी उम्मीद हो सकती है। एक फाइल से कितने ही लोगों का जीवन जुड़ा हो सकता है।
Read More at hindi.pardaphash.com