Market Outlook: रिकवरी फेज केमिकल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, अर्निंग विजिबिलिटी कम वाले सेक्टर से रहे दूर – market outlook chemical and manufacturing sectors are in recovery phase stay away from sectors with low earning visibility

Market Outlook: US टैरिफ टेंशन से बाजार का मूड बिगड़ गया । बाजार के आगे की आउटलुक और बजाज फिनसर्व एएमसी (Bajaj Finserv AMC) के सीआईओ निमेश चंदन (Nimesh Chandan) ने कहा कि मार्केट पर पॉजिटिव आउटलुक बना हुआ है। FY26 में मार्केट के अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद है। GDP ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद है। FY26 में ग्रोथ रेट FY25 से तेज रहने की उम्मीद है। टैक्स बेनिफिट से कंजम्पशन बढ़ेगा। रेट कट्स से कैपेक्ट और आम लोगों की स्पेंडिंग बढ़ेगी। इक्विटी, बॉन्ड और गोल्ड में रिटर्न अच्छा बन रहा है , करेक्शन के बाद कई सेक्टर के वैल्युएशन सस्ते हुए।

स्मॉलकैप पर आउटलुक देते हुए उन्होंने कहा कि स्मॉलकैप पर पॉजिटिव व्यू है । आने वाले 2 सालों में शानदार कमाई की उम्मीद है। आर्निंग्स में 20% सालाना ग्रोथ की उम्मीद है। मिड और लार्जकैप से ज्यादा ग्रोथ की उम्मीद है । कई स्टॉक्स में करेक्शन आया है । स्मॉलकैप में वैल्युएशन थोड़े किफायती हुए है। कुछ सेक्टर्स में ज्यादा करेक्शन और बेहतर अवसर दे रहे है। केमिकल, स्मॉलबैंक, NBFCs सेक्टर में करेक्शन आया । कुछ कंज्यूमर कंपनियों में भी करेक्शन आया। कई सेक्टर में अर्निंग्स अच्छी हैं, वैल्युएशन भी कम हैं।

फंड की 3-in-1 स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ये फंड क्वालिटी, ग्रोथ और वैल्यू का कॉम्बिनेशन है। क्वालिटी– अच्छा मैनेजमेंट, मजबूत बैलेंसशीट और ग्रोथ – कंपनियों के पास आगे बढ़ने की योजना । और तीसरा वैल्यू- कम कीमत पर अच्छी कंपनी यानी फंड में क्वालिटी+ग्रोथ+वैल्यू का बैलेंस बनाने पर फोकस है।

किन-किन सेक्टर्स में निवेश?ब्याज दरों से जुड़े सेक्टर में निवेश किया है। ब्याज दर कम होने से सेक्टर्स को फायदा होगा। स्मॉल NBFCs, स्मॉल बैंक्स स्पेस में एक्सपोजर है। रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश किया है। रेट कट, टैक्स बेनिफिट से EMI घटेगी, खर्च बढ़ेगा। कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर पर बुलिश है। ऑटोमोबाइल, लाइफस्टाइल स्पेस में निवेश किया। कंज्यूमर ड्यूरेबल स्पेस में एक्सपोजर है। हमें केमिकल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पसंद है।

केमिकल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2–3 सालों से ग्रोथ थोड़ी धीमी थी। अब ये सेक्टर रिकवरी फेज में हैं। आगे बेहतर करने की संभावना है। वैल्युएशन किफायती हुए हैं।

किन सेक्टर्स में अंडरवेट? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जिन सेक्टर्स में अर्निंग विजिबिलिटी कम है। महंगे वैल्युएशन वाले सेक्टर में कम एक्सपोजर है। डिफेंस सेक्टर से फिलहाल दूरी बनाई है। डिफेंस सेक्टर के वैल्युएशन ऑल टाइम हाई पर हैं।

फाइनेंशियल सेक्टर पर आउटलुक देते हुए उन्होंने कहा कि NBFCs, स्मॉल बैंक्स सेक्टर पर बुलिश नजरिया है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर फोकस रहा। SME सेक्टर या पर्सनल लोन से जुड़े स्पेस है। रिस्क मैनेजमेंट मजबूत वाली कंपनियों पर फोकस रहा। MFI स्पेस पर पॉजिटिव आउटलुक है। MFI में पिछले साल ग्रोथ धीमी थी, अब रिकवरी फेज में है । इंश्योरेंस, कैपिटल कंपनियों पर पॉजिटिव नजरिया है। ऐसे फाइनेंशियल में निवेश जिनका रिपेमेंट अच्छा है।

उन्होंने आगे कहा कि एग्रो केमिकल पर पॉजिटिव आउटलुक रहा। स्पेशियलिटी केमिकल में लॉन्ग टर्म पोटेंशियल है। केमिकल स्पेस में शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी संभव है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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