नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के सातवें दिन वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि सबसे पहले मैं उन सैनिकों, जवानों को नमन करना चाहती हूं, जो दुर्गम क्षेत्रों में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि 1948 से लेकर अब तक हमारे देश की अखंडता की रक्षा करने में उनका बड़ा योगदान है। हमारी आजादी अहिंसा के आंदोलन से हासिल हुई, लेकिन उसे कायम रखने में हमारी सेना का बहुत बड़ा योगदान है। कल मैं सदन में सभी के भाषण सुन रही थी। रक्षा मंत्री के भाषण को सुनते हुए एक बात मुझे खटकी कि सारी बातें कर ली। इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया, लेकिन एक बात छूट गई कि 22 अप्रैल 2025 को जब 26 नागरिकों को उनके परिजनों के सामने खुलेआम मारा गया तो ये हमला कैसे हुआ क्यों हुआ?
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सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि आतंकी बैसारण घाटी में क्या कर रहे थे? कुछ समय से हमारी सरकार प्रचार कर रही थी कि कश्मीर में शांति है। प्रधानमंत्री ने भी कहा कि वहां अमन चैन और शांति का वातावरण है। इसी बीच कानपुर के नौजवान शुभम द्विवेदी ने तय किया कि वे कश्मीर जाएंगे। छह महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। 22 अप्रैल 2025 को बैसारण घाटी में मौसम अच्छा था। हर रोज हजारों लोग पहुंचते थे तो उस दिन भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। शुभम अपनी पत्नी के साथ एक स्टॉल पर खड़े थे। तभी चार आतंकी जंगल से निकलते हैं और शुभम को उनकी पत्नी के सामने मार देते हैं। इसके बाद एक घंटे तक लोगों को चुन-चुनकर मारते हैं।
LIVE: Smt. @priyankagandhi ji speaks on Operation Sindoor in Lok Sabha. https://t.co/F1nEuB0DBV
— Congress (@INCIndia) July 29, 2025
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शुभम की पत्नी घबराकर वहां से भागती है तो वहां पता चलता है कि तमाम लोग भाग रहे थे। जब एक घंटे तक लोगों को चुन-चुनकर मारा जा रहा था तो उन्हें एक सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा। शुभम की पत्नी ने कहा- मैंने अपनी दुनिया को अपनी आंखों के सामने खत्म होते देखा। एक सुरक्षाकर्मी नहीं था। मैं ये कह सकती हूं कि देश ने, सरकार ने हमें वहां पर अनाथ छोड़ दिया। सुरक्षा वहां क्यों नहीं थी? क्या सरकार को मालूम नहीं था कि हजारों लोग वहां जाते हैं। लोग सरकार के भरोसे गए और सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया। ये किसकी जिम्मेदारी किसकी थी?
प्रियंका गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले के जिम्मेदार टीआरएफ को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘टीआरएफ ने कई आतंकी हमले किए, लेकिन 2023 में उसे आतंकी संगठन घोषित किया गया। एक संगठन इतना बड़ा हमला करता है और सरकार को पता नहीं चला? हमारी एजेंसियां हैं, इनकी जिम्मेदारी कौन लेगा, क्या किसी ने इस्तीफा दिया? खुफिया विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है, क्या गृह मंत्री ने इसकी जिम्मेदारी ली। इतिहास की बात आप करते हैं, मैं वर्तमान की बात करूंगी। 11 साल से तो आपकी सरकार है, आपकी कोई जिम्मेदारी है कि नहीं।’
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