Nag Panchami 2025 Live Updates:
- नागपंचमी पर्व तिथि: मंगलवार, 29 जुलाई 2025
- तिथि आरंभ: आज रात 28 जुलाई को 11:24 बजे से
- मुख्य पूजन मुहूर्त: 29 जुलाई को सुबह 05:32 से दोपहर 12:46 तक
Live Updates | Nag Panchami 2025 – लाइव अपडेट्स
28 जुलाई-रात 10:00 बजे
देशभर के शिव मंदिरों और नाग तीर्थों में नाग पंचमी की पूर्व-संध्या पर तैयारियां चरम पर हैं. काशी, उज्जैन, कालहस्ती और नागपुर जैसे स्थानों से भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
आज रात 11:24 बजे – नाग पंचमी तिथि का आरंभ
आज रात्रि 11:24 से श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि आरंभ हो रही है, जो नाग पूजा के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है.
29 जुलाई सुबह 05:32 बजे- नाग पंचमी का सूर्योदय और पूजा मुहूर्त शुरू
शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय से लेकर मध्याह्न 12:46 बजे तक का समय नागपूजन के लिए विशेष फलदायी है.
कल सुबह से लाइव अपडेट जारी रहेंगे
- सुबह मंदिरों के दृश्य
- नाग पूजा विधि का चरण-दर-चरण लाइव
- कालसर्प दोष शांति यज्ञ
- पंडितों की राय और दर्शकों की भक्ति की झलकियां
नागपंचमी पूजा विधि (29 जुलाई के लिए)
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें
- मिट्टी या चांदी की नाग देवता की मूर्ति बनाकर पूजा करें
- दूध, चावल, दूर्वा, कुशा, चंदन, पुष्प, दीप, धूप से पूजन करें
- नागपंचमी व्रत कथा का श्रवण करें
- शिवलिंग पर बेलपत्र, जल, दूध चढ़ाकर रुद्राभिषेक करें
- व्रत के बाद संध्या को फलाहार लें
कालसर्प दोष शांति के विशेष उपाय
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप – 108 बार
- ॐ नमो भगवते वासुकी नागराजाय नमः – 108 बार
- ॐ नागेंद्राय नमः – 108 बार
- राहु-केतु दोष से राहत के लिए शिवलिंग पर नाग-प्रतीक अर्पित करें
Summary Table – Nag Panchami 2025
तिथि | समय |
तिथि प्रारंभ | 28 जुलाई 2025, रात 11:24 बजे |
तिथि समाप्त | 29 जुलाई 2025, रात 10:16 बजे |
पूजा मुहूर्त | 29 जुलाई को सुबह 05:32 से दोपहर 12:46 तक |
व्रत कथा समय | प्रातः या संध्या काल |
FAQs
Q1. नागपंचमी कब है?
29 जुलाई 2025, मंगलवार को.
Q2. कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए?
महामृत्युंजय जाप, नाग पूजा, शिवलिंग पर दूध-बेलपत्र अर्पण करना चाहिए.
Q3. नागपंचमी पर क्या नहीं करना चाहिए?
नागों को परेशान न करें, चप्पल-जूते पहनकर मंदिर न जाएं, और जमीन पर दूध न उड़ेलें.
Q4. क्या यह व्रत स्त्रियां रख सकती हैं?
हां, स्त्रियां संतान और परिवार की सुख-शांति के लिए यह व्रत करती हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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