बाजार नियामक SEBI ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका मकसद देशभर के निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाना है. सेबी ने इस अभियान को #SEBIvsSCAM नाम दिया गया है. बढ़ते डिजिटल फ्रॉड्स को देखते हुए यह मुहिम जरूरी हो गई थी, जहां सोशल मीडिया से लेकर फर्जी ऐप्स तक, हर जगह जाल बिछा हुआ है.
इस मुहिम में SEBI को देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE का भी साथ मिला है. NSE ने साफ कहा है कि वह इस अभियान को हर गांव-शहर तक पहुंचाने में पूरा सहयोग देगा, ताकि निवेशक खुद को सुरक्षित रख सकें.
अब ठगों के झांसे में नहीं आएंगे लोग
इस कैंपेन के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि कैसे फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स, डीपफेक वीडियो और नकली स्टॉक टिप्स से उन्हें गुमराह किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर कई लोग खुद को ‘मार्केट गुरु’ बताकर गारंटीड रिटर्न का वादा करते हैं. लेकिन असलियत यह है कि ये सभी अनरजिस्टर्ड एडवाइजर होते हैं, जिनका सेबी से कोई लेना-देना नहीं होता.
डब्बा ट्रेडिंग और पंप-एंड-डंप स्कीम का खतरा
SEBI ने चेतावनी दी है कि आजकल डब्बा ट्रेडिंग (एक अवैध तरीका जिसमें लेनदेन का कोई रिकॉर्ड नहीं होता), पंप-एंड-डंप स्कीम (जहां शेयर के दाम कृत्रिम रूप से बढ़ाए जाते हैं) और फर्जी एफपीआई स्कीम्स तेजी से फैल रही हैं. इन स्कीमों का मकसद सिर्फ भोले-भाले निवेशकों को फंसाना होता है और उनका पैसा हड़पना होता है.
कैसे बचें साइबर ठगों से?
साइबर क्राइम से बचने के लिए SEBI और NSE ने कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं-
- निवेश से पहले यह पक्का कर लें कि आप SEBI रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट या इंटरमीडियरी की सलाह ले रहे हैं.
- किसी भी अनजान लिंक, मैसेज या फोन कॉल से सतर्क रहें. सबसे पहले उस सोर्स की पुष्टि करें.
- केवल ऑफिशियल ऐप स्टोर (Play Store या App Store) से ही ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करें.
- कोई भी स्कीम जो असामान्य या गारंटीड रिटर्न देने का वादा करे, उससे बचें.
UPI ट्रांजेक्शन के नए नियम
1 अक्टूबर 2025 से UPI पेमेंट सिस्टम में बदलाव लागू हो जाएंगे. अब जब भी आप किसी ट्रेडिंग ऐप या ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म को पैसे ट्रांसफर करेंगे, पहले ब्रोकिंग कोड की जांच करना जरूरी होगा. इससे यह तय किया जा सकेगा कि पैसा सही जगह जा रहा है.
फ्रॉड हुआ तो कहां करें शिकायत?
अगर आप किसी फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं, तो घबराएं नहीं. तुरंत इसकी शिकायत www.cybercrime.gov.in पर करें या 1930 नंबर पर कॉल करें. इसके अलावा, NSE की ओर से भी एक हेल्पलाइन (1800 266 0050) शुरू की गई है, जहां निवेशक अपने सवालों और समस्याओं का समाधान पा सकते हैं.
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