Vice President Election: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राज्यसभा महासचिव पी. सी. मोदी को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। इसके अलावा, राज्यसभा सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात गरिमा जैन और विजय कुमार (निदेशक) को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है।
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दरअसल, लोकसभा महासचिव या राज्यसभा महासचिव को बारी-बारी से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जाता है। पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा के महासचिव निर्वाचन अधिकारी थे। वहीं, पी.सी. मोदी की नियुक्ति चर्चा का विषय बना गयी है, क्योंकि उनके अतीत को लेकर कई विवाद भी सामने आ चुके हैं। अनुभवी नौकरशाह मोदी को नवंबर 2021 में राज्यसभा के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। मोदी भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 1982 बैच के अधिकारी हैं, जो मई 2021 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन पद से रिटायर हुए थे। लेकिन, उस समय विपक्ष ने इसका विरोध किया था, क्योंकि उनके पूर्ववर्ती पीपीके रामाचर्युलु को केवल दो महीने बाद हटा दिया गया।
पी.सी. मोदी की नियुक्ति 2021 के मॉनसून सत्र के साथ ही हुई थी, जिसने इसको और भी संदिग्ध बना दिया था। रामचर्युलु राज्यसभा सचिवालय के पहले ऐसे अधिकारी थे, जो इस पद तक पहुंचे थे। उनको अचानक हटाने को लेकर विपक्षी दलों को नाराजगी जाहिर की थी। उस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक इंटरव्यू में कहा था- “यह फैसला हैरान करने और चौंकाने वाला है। सत्र पहले ही बुलाया जा चुका था, फिर अचानक यह बदलाव क्यों? इसके पीछे मंशा क्या है, हमें जानना होगा।”
इससे पहले बतौर सीबीडीटी अध्यक्ष पीसी मोदी पर गंभीर आरोप लगे थे। मुंबई के तत्कालीन मुख्य आयकर आयुक्त ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें मोदी पर एक “संवेदनशील मामला” दबाने का निर्देश देने का आरोप था। यह भी आरोप लगे थे कि बतौर सीबीडीटी अध्यक्ष पीसी मोदी ने मुख्य आयुक्त को सूचित किया था कि एक विपक्षी नेता के खिलाफ “सफल तलाशी” कार्रवाई के कारण उन्होंने अपना पद “सुरक्षित” कर लिया है। हालांकि, शिकायत के दो महीने बाद, सरकार ने पीसी मोदी को एक साल का सेवा विस्तार दिया। उसके बाद प्रमुख कर निकाय के प्रमुख के रूप में दो और कार्यकाल विस्तार मिला।
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