Jagdeep Dhankhar Resignation Row: संसद के मॉनसून सत्र के बीच जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद देश में सियासी भूचाल आ गया है। धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ को वजह बताया था, लेकिन इसके पीछे कई बड़ी वजहें मानी जा रही हैं। जिनमें कथित तौर पर एक वजह जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव स्वीकार करना है, दूसरी बड़ी वजह विपक्षी नेताओं के साथ नज़दीकियां मानी जा रही हैं।
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एक मीडिया ग्रुप से बातचीत में कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा, “जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी सीमा पार कर ली थी और जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव स्वीकार करके सरकार का विरोध किया था।” पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने यह भी दावा किया कि इससे सरकार के साथ उनके रिश्ते खराब हो गए होंगे। यह साफ तौर से नजर आ रहा है कि दोनों अब एकमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, “जब सरकार ने धनखड़ पर भरोसा खो दिया, तो उन्हें जाना ही पड़ा।”
विपक्ष से बढ़ती नज़दीकियां
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से पिछले कुछ समय में विपक्षी नेतों ने मुलाकात की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में वी-पी एन्क्लेव में धनखड़ से मुलाकात की थी। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने 15 जुलाई को इस मुलाकात के 44 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया था। मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले यानी रविवार को जगदीप धनखड़ ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात की तस्वीरें पोस्ट कीं। केजरीवाल सांसद नहीं हैं। इन मुलाकातों को आधिकारिक शिष्टाचार बताया गया।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के एक धड़े ने इन मुलाकातों को गंभीरता से लिया और धनखड़ उनकी नजरों से बच नहीं पाये। विपक्षी नेताओं के साथ इन बैठकों में कथित तौर पर धनखड़ ने मोदी सरकार की आलोचना की थी। यह 2024 के बाद धनखड़ का विपक्ष के प्रति सख्ती को लेकर यूटर्न ही थी, क्योंकि विपक्षी नेताओं ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करके राज्यसभा के सभापति पद से हटाने की कोशिश की थी। धनखड़ को मार्च में हृदय संबंधी समस्याओं के कारण एम्स में भर्ती कराया गया था। माना जा रहा है कि मार्च के बाद जगदीप धनखड़ ने विपक्ष के साथ संबंध बनाने की कोशिश की ताकि यह साबित किया जा सके कि वह राज्यसभा के सभापति के रूप में पक्षपाती नहीं हैं।
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