पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दल के नेता इसको लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। संसद में भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग हो रही है। इस बीच राजद नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग का मनमाना रवैया और केंद्र सरकार के इशारे पर अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली करना लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक है। इन्हें अहसास नहीं है कि जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी?
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इससे पहले बिहार विधानसभा में भी इस मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने SIR के विरोध में कहा कि कई लोग बिहार से बाहर नौकरी करते हैं, लेकिन वोट देने वो वापस राज्य आते हैं। चुनाव आयोग कौन होता है लोगों की नागरिकता साबित करने वाला। केंद्र सरकार से हमारी मांग है वह इस मामले को गंभीरता से ले और SIR वापस ले।
चुनाव आयोग का मनमाना रवैया और केंद्र सरकार के इशारे पर अपारदर्शी तरीके से मतदाता सूची में धांधली करना लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक है। इन्हें अहसास नहीं है कि जनता की प्रतिक्रिया क्या होगी? #ElectionCommision #Bihar pic.twitter.com/OwaDlGHs5Q
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 23, 2025
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भाजपा वोट का अपहरण करवाना चाहती है
सदन से बाहर निकलकर इंडिया गठबंधन के विधायकों ने प्रेस वार्ता की। विपक्ष ने कहा कि बिहार वोटरों के नाम काटने की साजिश चल रही है। करीब 57 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से कटने वाला है। हमलोग इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा करवाना चाह रहे हैं लेकिन सरकार इससे भाग रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी वोट का अपहरण करना चाहती है।
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