National Sports Governance Bill: अभी तक भारत में खेलों के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ सर्वोच्च संस्था थी। लेकिन अब इसपर खतरा मंडरा रहा है। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बुधवार को राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक पेश किया। इस बिल में बताया गया कि केंद्र सरकार एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) का गठन करेगा। सभी खेल संघों को मान्यता देना, मान्यता छीनना, फंड देने जैसे सभी काम यही बोर्ड करेगा। जबकि अभी तक नेशनस लेवल की खेल संस्थाएं को भारतीय ओलंपिक संघ मान्यता देती थी। हालांकि कई खेल विशेषज्ञ भी अभी तक इस बिल के तकनीकि बिंदुओं को समझ नहीं पाए हैं। भारतीय ओलंपिक संघ के पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि बिल से खेलों संगठनों में सरकार का हस्तक्षेप काफी हद तक बढ़ जाएगा।
Union Sports Minister Mansukh Mandaviya introduces National Sports Governance Bill 2025
—विज्ञापन—Read @ANI Story | https://t.co/heacL96dWg
#MansukhMandaviya #NationalSportsGovernanceBill #sports #Parliament pic.twitter.com/LaaKfH1dKv
—विज्ञापन—— ANI Digital (@ani_digital) July 23, 2025
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ बनेगा बाधा
भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) ने एक सूत्र ने बताया कि आईओसी अभी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ को रिपोर्ट करता है और उन्हीं की गाइडलाइन को फॉलो करता है। यहां तक कि नेशनल और इंटरनेशनल स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ के नियम फॉलो होते हैं। बताया गया कि अब अगर सरकार ने किसी बोर्ड को सभी शक्तियां दे दीं तो देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ उस बोर्ड को मान्यता देगा या नहीं।
यह भी पढ़ें: क्या BCCI पर लटकेगी सरकारी तलवार? बाउंसर साबित होगा ‘नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल’!
दिल्ली में होगा बोर्ड का मुख्यालय
लोकसभा में पेश हुए बिल में बताया गया कि राष्ट्रीय खेल बोर्ड (NSB) में एक अध्यक्ष और 4 सदस्य होंगे। बोर्ड का मुख्यालय दिल्ली में रहेगा। इसके अलावा बोर्ड अपने हिसाब से अन्य जगहों पर ब्रांच ऑफिस खोल सकता है। राष्ट्रीय खेल बोर्ड को किसी भी खेल संगठन को राष्ट्रीय खेल निकाय के रूप में मान्यता देने का अधिकार होगा। नेशनल स्तर खेल बॉडी के रूप में बोर्ड से मान्यता प्राप्त करने का इच्छुक कोई भी खेल संगठन बोर्ड में आवेदन कर सकता है।
अब देश में केवल दो समिति
बिल में बताया गया कि अब देश में केवल दो खेल समिति होंगी। राष्ट्रीय ओलंपिक समिति और राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति। क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल आदि सभी प्रकार के खेल आयोजन यही समितियां कराएंगी। हालांकि बिल में साफ किया गया है कि दोनों समितियों को अंतरराष्ट्रीय संस्था से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति को अंतरराष्ट्रीय पैरांलपिक संघ से एफिलिएट होना चाहिए। इसके अलावा हर खेल महासंघ को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त होनी चाहिए। बिल में बताया गया कि दोनों समितियां प्रत्येक अलग खेल के लिए एक राष्ट्रीय खेल महासंघ और क्षेत्रीय खेल महासंघ बनाएगा।
यह भी पढ़ें: 29 जुलाई से संसद में शुरू होगी ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा, 16 घंटे तक चलेगी बहस
Read More at hindi.news24online.com