नई दिल्ली। मानसून सत्र की शुरूआत हो चुकी है। मानसून सत्र की शुरूआत काफी हंगामेदार रही। लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे तक फिर स्थगित कर दी गई। इन सबके बीच जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए राज्यसभा के 63 सांसदों ने नोटिस दिया है। इसके साथ ही लोकसभा में भी जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए 145 सदस्यों ने समर्थन दिया है, जिसमें महाभियोग प्रस्ताव लाने की सिफारिश की गई है। बता दें कि, जस्टिस यशवंत शर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिली थी।
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सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत महाभियोग का प्रस्ताव दिया है। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने इस नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू जेडीएस, जन सेना पार्टी, शिवसेना, लोक जनशक्ति पार्टी, सीपीएम आदि के सांसद शामिल हैं। इन सांसदों में राहुल गांधी, अनुराग वर्मा, रवि शंकर प्रसाद, सुप्रिया सुले और केसी वेणुगोपाल का नाम शामिल है।
वहीं, इस पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव नोटिस पर कहा, यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए एक न्यायाधीश का आचरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हमने इस संबंध में अपना नोटिस दायर कर दिया है।
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