Pution on Ukraine war: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को दो चौंकाने वाले कदम उठाए. पहली ओर उन्होंने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता पर सहमति जताई, वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने आधिकारिक आवास क्रेमलिन में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के परमाणु सलाहकार अली लारीजानी से एक अघोषित बैठक की. यह बैठक पहले से तय नहीं थी, और अचानक हुई.
पुतिन की शांति वार्ता की पेशकश को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांत करने की रणनीति माना जा रहा है, जो लगातार रूस पर दबाव बनाए हुए हैं. लेकिन, लारीजानी से गुप्त बैठक कर पुतिन ने अमेरिका के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है.
रूस-ईरान रिश्ते
रूस और ईरान के धार्मिक नेतृत्व के बीच हमेशा सौहार्दपूर्ण रिश्ते रहे हैं. मॉस्को लगातार तेहरान का समर्थन करता रहा है. हालांकि, जब हाल में 12 दिन तक चला इजरायल-ईरान युद्ध हुआ और अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए, तब रूस ने सैन्य रूप से हस्तक्षेप नहीं किया. बावजूद इसके, उसने पहले और बाद में कूटनीतिक समर्थन दिया.
मध्य पूर्व और परमाणु संकट पर चर्चा
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि यह एक अघोषित बैठक थी, जिसमें अली लारीजानी ने पुतिन के साथ “मध्य पूर्व और ईरानी परमाणु कार्यक्रम की बिगड़ती स्थिति” पर अपना आकलन साझा किया. पुतिन और लारीजानी के बीच क्षेत्र में शांति और ईरानी परमाणु कार्यक्रम के राजनीतिक समाधान पर भी चर्चा हुई.
यूरोपीय देशों के साथ बातचीत की योजना
एक जर्मन राजनयिक सूत्र के अनुसार, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी आने वाले दिनों में ईरान के साथ उसके परमाणु कार्यक्रम पर फिर से बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. ईरान की तस्नीम न्यूज एजेंसी ने भी एक अनाम सूत्र के हवाले से पुष्टि की है कि तेहरान इस प्रस्ताव पर सहमत हो गया है.
अमेरिका की मीडिया रिपोर्ट पर रूस की आपत्ति
पिछले हफ्ते रूस ने अमेरिकी समाचार एजेंसी Axios की उस रिपोर्ट की आलोचना की थी, जिसमें कहा गया था कि पुतिन ने ईरान को अमेरिका के साथ समझौते के लिए राजी किया था, जिससे ईरान यूरेनियम संवर्धन रोक देगा. ईरान लगातार कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और वह परमाणु हथियार नहीं बनाना चाहता.
रूस और ईरान की नौसेना का संयुक्त अभ्यास
इस पूरे घटनाक्रम के बीच रूस और ईरान सोमवार 21 जुलाई से कैस्पियन सागर में तीन दिवसीय नौसैनिक अभ्यास CASAREX 2025 शुरू करने जा रहे हैं. यह खोज और बचाव पर आधारित अभ्यास है. इसमें दोनों देशों की नौसेनाओं के साथ-साथ इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सदस्य भी भाग लेंगे.
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