Stock Market Big Updates: आने वाले हफ्ते में कई बड़ी कंपनियों के अप्रैल-जून तिमाही नतीजे जारी होने वाले हैं. बजाज फाइनेंस, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, नेस्ले इंडिया और सिप्ला जैसी कंपनियां वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के नतीजे पेश करेंगी. इसके अलावा, हाल ही में आए रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के तिमाही नतीजों पर बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी. इन सभी कंपनियों के प्रदर्शन से बाजार में सेक्टर स्पेसिफिक मूवमेंट और सेंटीमेंट पर असर दिख सकता है.
ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चाल
भारतीय बाजार के लिए सिर्फ कॉर्पोरेट नतीजे ही नहीं, बल्कि कुछ अहम आर्थिक आंकड़े भी इस हफ्ते सामने आएंगे. मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई डेटा, साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट जैसे आंकड़े आर्थिक ग्रोथ की रफ्तार को दर्शाएंगे. वैश्विक स्तर पर भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर संभावित अपडेट, कच्चे तेल की कीमतों में हलचल, महंगाई के ट्रेंड और ब्याज दरों पर ग्लोबल अनुमान भी निवेशकों की नजर में रहेंगे. ये सभी फैक्टर्स बाजार की दिशा तय कर सकते हैं.
बीते हफ्ते बाजार का मिला-जुला प्रदर्शन
पिछले कारोबारी सप्ताह में भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव रहा. सेंसेक्स 742 अंक या 0.90% गिरकर 81,757 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 181 अंक या 0.72% कमजोर होकर 24,968 पर बंद हुआ. यह पहली बार है जब निफ्टी ने 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को नीचे से तोड़ा है. हालांकि लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में अच्छी तेजी देखी गई. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 462 अंक या 0.79% बढ़कर 59,104, और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 196 अंक या 1.05% चढ़कर 18,959 पर बंद हुआ.
सेक्टोरल परफॉर्मेंस पर नजर
बीते सप्ताह के दौरान ऑटो, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और पीएसयू बैंक जैसे सेक्टर्स में खरीदारी देखने को मिली. ये सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए. दूसरी ओर, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज और प्राइवेट बैंकिंग सेक्टर्स में कमजोरी दिखी, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स पर दबाव बना रहा.
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के अजीत मिश्रा का मानना है कि निफ्टी का 25,000 के नीचे बंद होना बाजार में सतर्कता का संकेत है. उन्होंने कहा कि यदि निफ्टी 24,900 के सपोर्ट लेवल को भी तोड़ता है, तो अगला सपोर्ट 24,450 से 24,700 के बीच हो सकता है. ऐसे में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी नई खरीदारी से पहले डेटा और ट्रेंड्स का विश्लेषण करना ज़रूरी है.
Read More at www.zeebiz.com