महाराष्ट्र के भंडारा जिले में नवजात बच्चे को बेचने का मामला सामने आया है. भंडारा के साकोली में 15 दिन के बच्चे को 70 हजार रुपये में बेचा गया. इसमें अवैध रूप से दत्तक दिए जाने की बात सामने आई है. चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी की शिकायत के बाद 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह मामला 18 जून का बताया जा रहा है. चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी ने दत्तक प्रक्रिया को लेकर लोगों से नियमों का पालन करने की अपील की है.
बच्चे को अब एक अनाथालय में देखभाल के लिए रखा गया है. डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी नितिन कुमार साठवाने ने जानकारी देते हुए बताया, ”जांच पूरी होने के बाद भंडारा जिले के साकोली तालुका के सात निवासियों के खिलाफ साकोली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई.”
Bhandara, Maharashtra: In Sakoli, a 15-day-old infant was sold for ₹70,000. Seven people have been booked after a child protection officer’s complaint. The baby is now under care in an orphanage
District Child Protection Officer, Nitin Kumar Sathwane says, “… After the… pic.twitter.com/kahsyi5xrl
— IANS (@ians_india) July 19, 2025
18 जून को चाइल्ड हेल्पलाइन में मिली थी शिकायत
उन्होंने बताया, ”राष्ट्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा पूरे देश में चालू की गई है, जिसके तहत 18 जून 2025 को चाइल्ड हेल्पलाइन में ही हमें एक बच्चे की खरीद और बिक्री की शिकायत मिली थी. इस संबंध सज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई. जांच पूरी होने के बाद, भंडारा जिले के साकोली तालुका के 7 लोगों के खिलाफ साकोली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई.”
बच्चे की खरीद-बिक्री की गुप्त सूचना के बाद कार्रवाई
बच्चे की खरीद-बिक्री का मामला उस वक्त उजागर हुआ जब चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 टोल फ्री नंबर पर शिकायत मिली. 15 दिन के बच्चे को सत्तर हजार रुपये में बेचे जाने की गुप्त सूचना के बाद भंडारा हेल्पलाइन टीम ने जांच शुरु की, इस दौरान पता चला कि अवैध रूप से दत्तक दिया गया है. इसके बाद चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी नितिन कुमार साठवाने ने सबूत जमाकर इस संबंध में साकोली थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपियों के ऊपर कार्रवाई की गई.
दत्तक ग्रहण को लेकर अधिकारी ने किया लोगों को आगाह
डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन अधिकारी ने दत्तक ग्रहण को लेकर लोगों को आगाह किया है. उन्होंने बताया, ”दत्तक मामले में माननीय न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के बाद ही ये प्रक्रिया पूरी की जाती है. इसलिए नागरिकों से अपील है कि कोई अगर 100 रुपये के स्टांप पेपर से खरीदी और बिक्री की कोई भी ऐसी प्रक्रिया करते हैं तो उसे अवैध मानकर उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.”
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