Buri Nazar: राई, मिर्ची ही नहीं बल्कि चप्पल से भी उतरता है बुरी नजर, ये है पारंपरिक तरीका

भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में आज भी कई देश हैं, जहां लोग बुरी नजर पर विश्वास करते हैं और इससे जुड़े उपाय करते हैं. हालांकि कुछ लोग इसे अंधविश्वास का नाम देते हैं. लेकिन जब बच्चे का स्वास्थ्य बिगड़ता है तो मां की ममता विश्वास या अंधविश्वास का अंतर नहीं देखती. इसलिए तो कहावत है कि, दवा असर ना करे तो नजर उतारती है, मां है जनाब वो हार कहां मानती है.

सबला गाय के पूंछ से कृष्ण की नजर उतारती थीं मां यशोदा

मॉर्डन युग की मम्मा हो या फिर द्वापर युग की मईया यशोदा अपनी संतान को बुरी नजर से दूर रखने का प्रयास हर मां करती है. वो हमेशा चाहती है कि उसके बच्चे पर किसी की भी बुरी दृष्टि न पड़े. पौराणिक कथाओं में ऐसा वर्णन मिलता है कि, मां यशोदा कान्हा की नजर सबला गाय के पूंछ से झाड़कर उतारती थी. इससे पता चलता है कि, कृष्ण को बुरी नजर से बचाने के लिए मां यशोदा भी चिंतित रहती थीं.

सिर्फ मां यशोदा ही नहीं बल्कि हर मां अपने बच्चे को लेकर ऐसे ही चिंतित रहती है और यह चिंता ही उनका मातृत्व प्रेम है, फिर चाहे कोई इसे अंधविश्वास का ही नाम क्यों न दे. बच्चे का अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाए, बच्चा बिना वजह रोने लगे, चिड़चिड़ा हो जाए या दवा असर न करे तो मां तुरंत अपने बच्चे की बुरी नजर उतारती है.

चप्पल से नजर उतारने का टोटका 

नजर उतारने के लिए आमतौर पर नींबू, लाल मिर्च, नमक, कपूर, राई के दाने, प्याज के छिलके आदि जैसी ई चीजों का प्रयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चप्पल से भी नजर उतारी जाती है. यह टोटका भले ही आपको सुनने में अजीब लगे, लेकिन बुरी नजर का दोष दूर करने के लिए यह एक पारंपरिक टोटका माना जाता है और आज भी लोग इस पर विश्वास करते हैं. साथ ही यह उपाय ज्योतिष और परंपरा दोनों से जुड़ा हुआ भी है. आइये जानते हैं क्या वाकई चप्पल से बुरी नजर का दोष दूर हो जाता है और इसका तरीका क्या है?  

क्या सच में चप्पल से उतारा जाता है नजर!

वैसे तो ज्योतिष शास्त्र में सीधे तौर पर चप्पल से नजर उतारने का उल्लेख कहीं भी नहीं मिलता है. लेकिन ज्योतिष में माना जाता है कि, शनि देव का वास पैरों में होता है. वहीं बुरी नजर का संबंध राहु से जोड़ा जाता है. चप्पल पैरों में पहना जाता है और ये अधिकतर जमीन के संपर्क में रहते हैं, जिससे कि चप्पल में नकारात्मक ऊर्जा सोखने की क्षमता अधिक होती है.

माना जाता है कि, जब किसी को बुरी नजर लगती है तो व्यक्ति के भीतर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है और जब चप्पल से नजर उतारा जाता है तो चप्पल नकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर खींचकर नजर दोष दूर करता है. यही कारण है कि नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए लोग आज भी जूते-चप्पलों का यह उपाय करते हैं.

चप्पल से नजर उतारने का पारंपरिक तरीका

चप्पल से नजर उतारने की प्रकिया बेहद सरल होती है. आमतौर पर यह टोटका शनिवार के दिन करना ज्यादा असरदार माना जाता है. इसके लिए जिस बच्चे को नजर लगी हो उसके जूते या चप्पल लेकर उसके सिर से पैरों तक उल्टे क्रम (एंटी क्लॉक) सात बार घुमाया जाता है. इसके बाद घर की दहलीज में चप्पल को जोर-जोर से तीन बार झाड़ा जाता है. माना जाता है कि, ऐसा करने से बुरी नजर का प्रभाव दहलीज के बाहर ही खत्म हो जाता है. इस टोटके को करने के बाद चप्पल को वापिस स्थान में रख दिया जाता है और फिर से इसे इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

क्या सच में नजर उतारने से नजर दोष दूर हो जाता है?

नजर उतारने के तरीके या उपाय को विज्ञान नहीं मानता और ना ही वैज्ञानिक तौर पर इसकी पुष्टि करता है. लेकिन नजर उतारने से मन को शांति मिलती है, शंका दूर होती है, संतोष मिलता है और डर भी कम होता है. इसलिए लोग नजर उतारने के टोटकों पर पुराने समय से लेकर आज भी भरोसा करते हैं.

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