देश के दिग्गज ब्रोकर SEBI चीफ से मिले, F&O Weekly Expiry बंद होने की चिंता जताई, जानिए पांडे ने क्या कहा Weekly Expiry: इस बैठक के दौरान ब्रोकर्स ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) की साप्ताहिक एक्सपायरी को बंद किए जाने को लेकर चिंता जताई. ब्रोकर्स का कहना था कि इससे एफएंडओ वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है.

Weekly Expiry: सेबी प्रमुख तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) ने शुक्रवार को देश के टॉप ब्रोकर्स से मुलाकात के दौरान ऐसा मॉडल तैयार करने की बात कही जो निवेशकों की सुरक्षा करे और बाजार में किसी तरह की बाधा न डाले. इस बैठक के दौरान ब्रोकर्स ने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) की साप्ताहिक एक्सपायरी को बंद किए जाने को लेकर चिंता जताई. ब्रोकर्स का कहना था कि इससे एफएंडओ वॉल्यूम में गिरावट आ सकती है. इसके जवाब में सेबी प्रमुख ने ब्रोकर्स से ऐसा मॉडल सुझाने को कहा जो निवेशकों की रक्षा करे और बाजार को बाधित न करे. बता दें कि इक्विटी शेयर F&O सेगमेंट में वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91% लोगों को घाटा हुआ है. 

ब्रोकरों की मुख्य मांगें

ब्रोकरों ने सेबी प्रमुख से मांग की कि इंडेक्स ऑप्शंस की साप्ताहिक एक्सपायरी को बंद नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) निवेशकों के लिए पात्रता मानदंड तय किए जाने चाहिए. उनका कहना था कि अगर सेबी खुदरा निवेशकों की भागीदारी को रोकना चाहती है, तो इसके लिए एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क जरूरी है, न कि पूरी तरह से प्रतिबंध.

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कैसा हो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क?

ब्रोकरों ने कई तरीके सुझाए जिनके माध्यम से सेबी एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क बना सकती है.केवल अनुभवी निवेशकों को वीकली एक्सपायरी में इजाजत मिले. रिस्क प्रोफाइलिंग और नॉलेज टेस्ट अनिवार्य हो. UCC डाटा का इस्तेमाल हो योग्यता तय करने के लिए होना चाहिए. हाई- फ्रिक्वेंसी ट्रेडर्स पर अलग नियम हो. लॉस थ्रेसहोल्ड के बाद ऑटो वार्निंग या पाबंदी होनी चाहिए. दूसरा सुझाव यह दिया कि एक्सचेंज ट्रेड रिवर्स कर पाये ताकि Jane Street जैसा नुकसान न हो. एक्सचेंज महज रेड फ्लैग ही SEBI को न बताये.

ब्रोकर की दूसरी मांगे

ब्रोकर्स की दूसरी मांग है कि बैंक निफ्टी (Bank Nifty) को वीकली कॉन्ट्रैक्ट (Weekly Contract) की इजाजत मिले. इंडेक्स ब्रॉडेन हो ताकि हेरफेर कम हो. Fit & Proper नियमों में पारदर्शी बदलाव हों. छोटी गलतियों पर भारी पेनाल्टी न लगे. ट्रेडिंग की लागत घटे और मार्केट  NASDAQ जैसी बने. साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) पर एक्शन प्लान बने और एक्सपायरी वाले दिन 2% ELM हटे. Calendar Spread Benefit फिर मिले- नुकसान से बचाव.

91% ट्रेडर्स को घाटा

बता दें कि इक्विटी शेयर F&O सेगमेंट में वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91% निवेशकों को को घाटा हुआ. वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुझान देखा गया था. स्टडी के अनुसार, व्यक्तिगत कारोबारियों का घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में 41% बढ़कर 1,05,603 करोड़ रुपये हो गया जो एक साल पहले 74,812 करोड़ रुपये था. इसके साथ ही, F&O सेगमेंट में कारोबार करने वाले व्यक्तिगत निवेशकों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 20% की कमी आई है. हालांकि, यह दो साल पहले की तुलना में 24% अधिक है.

सेबी ने खासकर 1 अक्टूबर, 2024 को इक्विटी इंडेक्स के F&O सेगमेंट को मजबूत करने के लिए उपाय पेश करने के बाद इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस (EDS) सेगमेंट में कारोबारी गतिविधियों का मूल्यांकन करने को लेकर यह विश्लेषण किया है. विश्लेषण में सभी निवेशकों को शामिल किया गया और दिसंबर, 2024 से मई, 2025 तक व्यक्तिगत कारोबारियों पर गौर किया गया है.

अध्ययन में कहा गया, इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड में व्यक्तिगत कारोबारियों के लाभ और हानि के विश्लेषण से पता चलता है कि कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 91% व्यक्तिगत कारोबारियों को इसमें शुद्ध घाटा हुआ. वित्त वर्ष 2023-24 में भी इसी तरह का रुख देखा गया था. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बार्ड (Sebi) ने 29 मई, 2025 को वायदा एवं विकल्प बाजार में जोखिम निगरानी और खुलासा को बढ़ाने के उद्देश्य से कदम उठाये थे. इन उपायों का उद्देश्य जोखिमों को रोकने के लिए बेहतर निगरानी सुनिश्चित करना है.

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