World Powerful Weapons: | world 10 most powerful weapons that play most important role in modern warfare including tsar bomb Castle Bravo RS-28 Sarmat

लॉकहीड मार्टिन की ओर से निर्मित F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू विमान को दुनिया का सबसे उन्नत सुपरसोनिक स्टील्थ फाइटर माना जाता है. यह विमान तीन वेरिएंट में आता है,F-35A, F-35B और F-35C. ये दुश्मन के रडार से बच निकलने की क्षमता रखता है. ये 360 डिग्री सिचुएशनल अवेयरनेस का काम करता है. ये एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशन में काम आता है. F-35 की लागत लगभग $100 मिलियन प्रति यूनिट है, लेकिन इसकी क्षमताएं इसे दुनिया के सबसे महंगे और ताकतवर विमानों में शामिल करती हैं.

लॉकहीड मार्टिन की ओर से निर्मित F-35 लाइटनिंग II लड़ाकू विमान को दुनिया का सबसे उन्नत सुपरसोनिक स्टील्थ फाइटर माना जाता है. यह विमान तीन वेरिएंट में आता है,F-35A, F-35B और F-35C. ये दुश्मन के रडार से बच निकलने की क्षमता रखता है. ये 360 डिग्री सिचुएशनल अवेयरनेस का काम करता है. ये एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशन में काम आता है. F-35 की लागत लगभग $100 मिलियन प्रति यूनिट है, लेकिन इसकी क्षमताएं इसे दुनिया के सबसे महंगे और ताकतवर विमानों में शामिल करती हैं.

AK-47 राइफल को आज भी सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय हथियार माना जाता है. सोवियत संघ में 1947 में मिखाइल कलाश्निकोव द्वारा डिजाइन की गई यह राइफल 7.62×39mm कारतूस का उपयोग करती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी सरलता, कम लागत और अत्यधिक टिकाऊपन है. दुनिया भर में लगभग 10 करोड़ से अधिक AK-47 राइफलें बनाई जा चुकी हैं.

AK-47 राइफल को आज भी सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय हथियार माना जाता है. सोवियत संघ में 1947 में मिखाइल कलाश्निकोव द्वारा डिजाइन की गई यह राइफल 7.62×39mm कारतूस का उपयोग करती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी सरलता, कम लागत और अत्यधिक टिकाऊपन है. दुनिया भर में लगभग 10 करोड़ से अधिक AK-47 राइफलें बनाई जा चुकी हैं.

GBU-43/B मैसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट, जिसे मदर ऑफ ऑल बम (MOAB) के नाम से जाना जाता है, अमेरिका का सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम है. MOAB का वजन लगभग 9,800 किलोग्राम है. इसकी विस्फोट क्षमता 11 टन TNT के बराबर है. इसका इस्तेमाल भूमिगत बंकर और गुफाओं को नष्ट करने में आता है. इस बम का पहली बार उपयोग अफगानिस्तान में 2017 में किया गया था, जिससे इसकी घातकता और प्रभावशीलता का दुनिया ने प्रत्यक्ष अनुभव किया.

GBU-43/B मैसिव ऑर्डनेंस एयर ब्लास्ट, जिसे मदर ऑफ ऑल बम (MOAB) के नाम से जाना जाता है, अमेरिका का सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम है. MOAB का वजन लगभग 9,800 किलोग्राम है. इसकी विस्फोट क्षमता 11 टन TNT के बराबर है. इसका इस्तेमाल भूमिगत बंकर और गुफाओं को नष्ट करने में आता है. इस बम का पहली बार उपयोग अफगानिस्तान में 2017 में किया गया था, जिससे इसकी घातकता और प्रभावशीलता का दुनिया ने प्रत्यक्ष अनुभव किया.

ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना का परिणाम है. यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जमीन, जल और वायु तीनों माध्यमों से लॉन्च की जा सकती है. इसकी रफ्तार मैक 3 (लगभग 3,700 किमी/घंटा) है. इसकी रेंज लगभग 500 किमी है. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखती है. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में इसका व्यापक उपयोग होता है. यह मिसाइल भारत के सामरिक प्रतिरक्षा तंत्र का अहम हिस्सा बन चुकी है.

ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस की संयुक्त परियोजना का परिणाम है. यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जमीन, जल और वायु तीनों माध्यमों से लॉन्च की जा सकती है. इसकी रफ्तार मैक 3 (लगभग 3,700 किमी/घंटा) है. इसकी रेंज लगभग 500 किमी है. कम ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखती है. भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में इसका व्यापक उपयोग होता है. यह मिसाइल भारत के सामरिक प्रतिरक्षा तंत्र का अहम हिस्सा बन चुकी है.

DF-41 चीन की सबसे उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसकी रेंज 15,000 किमी तक है. इसकी स्पीड लगभग 31,425 किमी/घंटा है. DF-41 की मदद से चीन लगभग पूरी दुनिया को अपने परमाणु हथियारों की रेंज में ला सकता है, जिससे वैश्विक सामरिक संतुलन प्रभावित होता है.

DF-41 चीन की सबसे उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसकी रेंज 15,000 किमी तक है. इसकी स्पीड लगभग 31,425 किमी/घंटा है. DF-41 की मदद से चीन लगभग पूरी दुनिया को अपने परमाणु हथियारों की रेंज में ला सकता है, जिससे वैश्विक सामरिक संतुलन प्रभावित होता है.

RS-28 सरमत को रूस ने अपनी पुरानी मिसाइलों के स्थान पर विकसित किया है. इसे NATO में Satan-2 के नाम से भी जाना जाता है. इस मिसाइल की शक्ति इतनी अधिक है कि यह एक पूरे देश को नष्ट करने में सक्षम है. रूस ने इसे अपनी रणनीतिक का मुख्य आधार बनाया है. इसकी रेंज 18,000 किमी है.

RS-28 सरमत को रूस ने अपनी पुरानी मिसाइलों के स्थान पर विकसित किया है. इसे NATO में Satan-2 के नाम से भी जाना जाता है. इस मिसाइल की शक्ति इतनी अधिक है कि यह एक पूरे देश को नष्ट करने में सक्षम है. रूस ने इसे अपनी रणनीतिक का मुख्य आधार बनाया है. इसकी रेंज 18,000 किमी है.

मिनटमैन III अमेरिका की सबसे पुरानी लेकिन अत्यधिक प्रभावी ICBM है. यह 1970 के दशक से अमेरिकी सेना में सेवा में है. इसकी रेंज 14,000 किमी+ है. इस मिसाइल प्रणाली को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है ताकि यह मौजूदा खतरों से निपट सके.

मिनटमैन III अमेरिका की सबसे पुरानी लेकिन अत्यधिक प्रभावी ICBM है. यह 1970 के दशक से अमेरिकी सेना में सेवा में है. इसकी रेंज 14,000 किमी+ है. इस मिसाइल प्रणाली को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है ताकि यह मौजूदा खतरों से निपट सके.

कैसल ब्रावो ऑपरेशन अमेरिका का पहला थर्मोन्यूक्लियर हाइड्रोजन बम परीक्षण था, जो 1 मार्च 1954 को मार्शल आइलैंड में किया गया. यह परीक्षण इतिहास में दर्ज सबसे बड़े और सबसे विवादास्पद परमाणु परीक्षणों में से एक है.

कैसल ब्रावो ऑपरेशन अमेरिका का पहला थर्मोन्यूक्लियर हाइड्रोजन बम परीक्षण था, जो 1 मार्च 1954 को मार्शल आइलैंड में किया गया. यह परीक्षण इतिहास में दर्ज सबसे बड़े और सबसे विवादास्पद परमाणु परीक्षणों में से एक है.

ज़ार बम, जिसे RDS-220 हाइड्रोजन बम भी कहा जाता है, अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियार है. इसकी शक्ति 50 मेगाटन TNT है. ज़ार बम आज भी परमाणु शक्ति के चरम रूप का प्रतीक है.

ज़ार बम, जिसे RDS-220 हाइड्रोजन बम भी कहा जाता है, अब तक का सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियार है. इसकी शक्ति 50 मेगाटन TNT है. ज़ार बम आज भी परमाणु शक्ति के चरम रूप का प्रतीक है.

Published at : 18 Jul 2025 11:32 AM (IST)

विश्व फोटो गैलरी

विश्व वेब स्टोरीज

Read More at www.abplive.com