महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार (17 जुलाई) को कहा कि अगर हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म के व्यक्ति ने अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल किया है, तो उसे रद्द कर दिया जाएगा. देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ हासिल किया है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सीएम ने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करके चुनाव जीता है, तो उसका चुनाव रद्द कर दिया जाएगा.
‘धर्मांतरण से जुड़े मामलों से निपटा जाएगा’
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति सरकार बलपूर्वक या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने की तैयारी कर रही है. इसके लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार किया जा रहा है. इस संबंध में जल्द ही फैसला लिया जाएगा.
इसके अलावा, विधान परिषद में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे मामलों से निपटने के संबंध में सिफारिशें देने के लिए पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था और उसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब सरकार अध्ययन करेगी और आवश्यक बदलाव कर ऐसे प्रावधान लाएगी, जिससे बलपूर्वक या धोखे से धर्मांतरण पर लगाम लगे.
BNS के अलावा लाए जाएंगे कड़े प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा, “ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन कड़े प्रावधानों का सुझाव देने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है. राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने की मंशा रखती है और हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे.”
बीजेपी नेता ने ईसाई समुदाय के लोगों पर लगाया था आरोप
गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने सोमवार को कहा था कि राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा और यह अन्य राज्यों के समान कानूनों से ज्यादा सख्त होगा. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अमित गोरखे ने दावा किया कि ‘पहचान छिपाने वाले ईसाई’ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं और लोग अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाते हैं लेकिन दूसरे धर्मों को मानते हैं.
‘गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं’
बीजेपी नेता का कहना है कि ऊपरी तौर पर ये लोग अनुसूचित जाति से होते हैं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठाते हैं, चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं. बीजेपी नेता और विधान परिषद की निर्दलीय सदस्य चित्रा वाघ ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पति ने अपना धर्म छिपाकर धोखे से शादी की.
‘धर्मांतरण के नाम पर महिलाओं के साथ अत्याचार’
उन्होंने सांगली के एक मामले का जिक्र किया जहां एक महिला की शादी ऐसे परिवार में कर दी गई, जो गुप्त रूप से ईसाई धर्म का पालन करता था. चित्रा ने यह भी दावा किया कि महिला को प्रताड़ित किया गया और उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया, जिस वजह से सात महीने की गर्भवती महिला ने आत्महत्या कर ली.
Read More at www.abplive.com