स्टॉक में निवेश करना है लेकिन नहीं पता फंडामेंटल्स कैसे देखें…यहां आसान भाषा में समझिए पूरा गणित अगर आप स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं लेकिन कंपनियों के फंडामेंटल्स समझना मुश्किल लगता है, तो चिंता की बात नहीं कैसे देखें किसी स्टॉक का फंडामेंटल

फंडामेंटल एनालिसिस का मतलब होता है किसी कंपनी की अंदरूनी हालत को समझना, जैसे उसकी कमाई, खर्च, कर्ज, मार्केट हिस्सेदारी, मैनेजमेंट और भविष्य की योजनाएं. इसका मकसद यह जानना होता है कि कोई कंपनी लॉन्ग टर्म के निवेश के लायक है या नहीं.

दरअसल, बाजार में स्टॉक की कीमतें रोज बदलती हैं, लेकिन असली ताकत उस कंपनी के फंडामेंटल्स में होती है. अगर आप सिर्फ ट्रेंड देखकर स्टॉक खरीदेंगे, तो नुकसान हो सकता है. फंडामेंटल्स देखकर आप यह तय कर सकते हैं कि स्टॉक की असली वैल्यू क्या है और वह ओवरवैल्यूड है या अंडरवैल्यूड.

सबसे पहले देखें रेवेन्यू

रेवेन्यू बताता है कि कंपनी की कमाई कितनी हो रही है. अगर किसी कंपनी का रेवेन्यू हर साल लगातार बढ़ रहा है, तो यह एक अच्छा संकेत है कि उसका बिजनेस बढ़ रहा है और बाजार में उसकी पकड़ मजबूत हो रही है.

मुनाफा यानी नेट प्रॉफिट भी है अहम

रेवेन्यू से खर्च घटाने के बाद जो पैसा बचता है, उसे मुनाफा कहते हैं. लगातार बढ़ता हुआ मुनाफा यह दिखाता है कि कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और खर्चों को कंट्रोल में रख पा रही है.

EPS यानी एक शेयर पर कितना मुनाफा

EPS यानी Earnings Per Share बताता है कि कंपनी ने अपने हर शेयर पर कितना मुनाफा कमाया. इसका फॉर्मूला होता है – कुल नेट प्रॉफिट ÷ कुल शेयरों की संख्या. अगर EPS लगातार बढ़ रहा है तो कंपनी निवेश के लायक मानी जाती है.

कर्ज की स्थिति भी जानिए

Debt-to-Equity Ratio यह बताता है कि कंपनी के पास कितना कर्ज है और वह अपनी पूंजी से उसे कितना संभाल सकती है. अगर किसी कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज है, तो उसमें जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है.

P/E रेशियो क्या बताता है?

Price to Earnings Ratio (P/E) बताता है कि किसी स्टॉक की कीमत उसकी कमाई के मुकाबले ज्यादा है या कम. अगर किसी कंपनी का P/E बहुत ज्यादा है तो वह ओवरवैल्यूड हो सकती है, और अगर बहुत कम है तो हो सकता है वह अंडरवैल्यूड हो और अच्छा मौका हो निवेश का.

रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) पर ध्यान दें

ROE यह दिखाता है कि कंपनी ने अपने शेयरधारकों के पैसे से कितना फायदा कमाया. 15% से ज्यादा ROE को अच्छा माना जाता है.

मैनेजमेंट और भविष्य की योजनाएं भी देखें

कंपनी कौन चला रहा है, उसकी छवि कैसी है, और भविष्य में कौन-कौन से प्रोजेक्ट्स या योजनाएं हैं, यह भी जानना जरूरी होता है. एक मजबूत मैनेजमेंट और क्लियर विज़न वाली कंपनी लंबी दौड़ में अच्छा रिटर्न दे सकती है.

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