Shri Bade Hanuman Ji Mandir: संगम नगरी प्रयागराज के प्रसिद्ध लेटे हनुमान मंदिर के कपाट गुरुवार को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. मंगलवार को आई गंगा और यमुना की बाढ़ के कारण जब मंदिर में पानी प्रवेश कर गया था, तो एहतियातन मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे. लेकिन अब जलस्तर में गिरावट आने के बाद गुरुवार को पुनः कपाट खोले गए, जिसके साथ ही मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
कपाट खुलने से पहले मंदिर परिसर की विशेष साफ-सफाई की गई. बड़े हनुमान जी की प्रतिमा का फूलों से भव्य श्रृंगार किया गया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजन-अर्चन और आरती संपन्न हुई. आरती के दौरान मंदिर में घंट-घड़ियालों की ध्वनि और भजन-कीर्तन की गूंज से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया.
हर साल होता है हनुमान जी का प्राकृतिक स्नान
मान्यता है कि बड़े हनुमान जी को भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त है कि हर वर्ष गंगा मां स्वयं आकर उनका अभिषेक करेंगी. इसी परंपरा के अनुसार मंगलवार को गंगा नदी का पानी मंदिर तक पहुंचा और हनुमान जी की प्रतिमा का प्राकृतिक स्नान हुआ, जिसे अत्यंत शुभ और पावन माना जाता है. स्थानीय भक्त इसे गंगा माता की कृपा मानते हैं.
बड़े हनुमान जी को प्रयागराज में “शहर का कोतवाल” भी कहा जाता है. मान्यता है कि वे शहर की सुरक्षा करते हैं और उनकी कृपा से नगर में शांति बनी रहती है. यही कारण है कि जब भी मंदिर के कपाट खुलते हैं, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और आरती के लिए वहां पहुंचते हैं.
पानी कम होने के बाद दर्शन के लिए पहुंचें श्रद्धालु
आज सुबह जैसे ही मंदिर से पानी पूरी तरह हट गया, नगर निगम की टीम ने सफाई शुरू की और मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति दी. इसके बाद हुए श्रृंगार और आरती में सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और दर्शन का लाभ उठाया.
मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे दर्शन के लिए आते समय संयम बनाए रखें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें. साथ ही गंगा के बढ़ते-घटते जलस्तर को देखते हुए सतर्कता बरतें.
लेटे हनुमान मंदिर का यह विशेष प्रसंग न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संगम नगरी की आस्था और परंपरा की जीवंत तस्वीर भी पेश करता है.
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