Indian Navy: क्या है ‘निस्तार’ की खासियत? जिसे 18 जुलाई को इंडियन नेवी अपने बेड़े में करेगी शामिल

Indian Navy: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में भारत की ताकत पूरी दुनिया देख चुकी है। भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पहले से ही काफी मजबूत है, लेकिन समय-समय पर इसमें कई चीजों को जोड़ा जाता है। अब इंडियन नेवी अपनी ताकत में बढ़ोतरी के लिए ‘निस्तार’ जहाज को शामिल करने जा रही है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तरीके से डिजाइन किया गया है। इसके निर्माण के सफर को कुछ दिन पहले ही नेवी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था। इसे 18 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा। जानिए ये जहाज किस तरह से समुद्री सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा?

18 जुलाई को किया जाएगा लॉन्च

भारतीय नौसेना ने पहले निस्तार-श्रेणी के गोताखोरी सहायता पोत को नौसेना में शामिल करने की पूरी तैयारी कर ली है। 18 जुलाई को इसे विशाखापत्तनम के नेवल डॉकयार्ड से लॉन्च किया जाएगा। यह गहरे समुद्र में गोताखोरी प्रणालियों से लैस बनाया गया है। निस्तार हमारी ऑपरेशन्स के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे ऑपरेशन को मजबूत मिलेगी। यह पनडुब्बियों से कर्मियों को बचाने का काम भी करेगा। यानी जो पनडुब्बियां समुद्र में फंसी होंगी उनको यह आसानी से ऊपर लाने की क्षमता रखता है। इसको 1000 मीटर की गहराई तक निगरानी करने के लिहाज से डिजाइन किया गया है।

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कहां से लिया गया निस्तार नाम?

जहाज का नाम ‘निस्तार’ संस्कृत भाषा से लिया गया है। इसका मतलब होता है- बचाव, मोक्ष या मुक्ति। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जहाज की लंबाई 118 मीटर तक है। इसका वजन करीब 10,000 टन बताया जा रहा है। इसमें खास बात ये है कि यह लगभग 300 मीटर तक समुद्र में सैचुरेशन डाइविंग कर सकता है। यह दुश्मनों से खतरे के बीच अपनी पनडुब्बियों पर पैनी नजर रखेगा।

इस जहाज में 4500 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है। 450 किलोमीटर लंबी केबल (Cabling) का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इस शिप को बनाने में एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इंडियन नेवी के लिए ये एक अचीवमेंट है।

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